बेबे दी पसंद गीत by बग्गा बाजवा, मैड 4 म्यूजिक के तहत रिलीज किया गया है। "बेबे दी पसंद" एक पंजाबी लोक गीत है, जिसे बिट्टू बाजवा ने संगीतबद्ध किया है और इसके बोल सतनाम सोना ने लिखे हैं।
गायक: जॉर्डन संधू
गीतकार: सतनाम सोना
रचना: बिट्टू बाजवा
मूवी/एल्बम:
लंबाई: 4:49
रिलीज: 2015
बेबे दी पसंद गीत
सांवली ना यारों गोरे रंग दी,
कुड़ी लभनी आ बेबे दी पसंद दी,
सांवली ना यारों गोरे रंग दी,
कुड़ी लभनी आ बेबे दी पसंद दी,
अज्जकल कुडियान दे शोंक वाखरे,
वाल जे कटके जीना पेइयन होयिअन ने,
बेबे केहंदी सौ जेही कुड़ी लभनी,
ओ की जाने अस्सी कित्ते लेइयां होइयां ने,
होवे सिफ़त ऐ चारे पासे चन्न दी,
कुड़ी लभनी आ बेबे दी पसंद दी,
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सांवली ना यारों गोरे रंग दी,
कुड़ी लभनी आ बेबे दी पसंद दी,
सांवली ना यारों गोरे रंग दी,
कुड़ी लभनी आ बेबे दी पसंद दी,
जग उत्ते उंज बहुत ने सनाखियां,
मैं की जाना बेबे किहदी गल करदी,
जग उत्ते उंज बहुत ने सनाखियां,
मैं की जाना बेबे किहदी गल करदी,
बग्गे ने तन आस कित्ते होर लेई सी,
चंडीगढ़ जो सी साडे नाल पढ़दी,
ओहदे घर देयां होर कित्ते मंगती,
कुड़ी लभनी आ बेबे दी पसंद दी,
सांवली ना यारों गोरे रंग दी,
कुड़ी लभनी आ बेबे दी पसंद दी,
सांवली ना यारों गोरे रंग दी,
कुड़ी लभनी आ बेबे दी पसंद दी,
कहके मजबूरी मेथोन दूर हो गई,
दिल वाली आस चूरोन चूर हो गई,
कहके मजबूरी मेथोन दूर हो गई,
दिल वाली आस चूरोन चूर हो गई,
ओन्न तान मापेयां नू तहल ही दिंदे,
हुन्न गल मन-नी जरूर हो गई,
अज्ज पासा जेहा वॉट कोलोन लंग-गी,
कुड़ी लभनी आ बेबे दी पसंद दी,
सांवली ना यारों गोरे रंग दी,
कुड़ी लभनी आ बेबे दी पसंद दी,
सांवली ना यारों गोरे रंग दी,
कुड़ी लभनी आ बेबे दी पसंद दी,
ओही करना जो हुन्न मप्पे कहेंगे,
चाड चंडीगढ़ यार घर रहेंगे,
ओही करना जो हुन्न मप्पे कहेंगे,
चाड चंडीगढ़ यार घर रहेंगे,
सेक्टर 17 दे नज़ारे चाडके,
सारा सारा दिन मोटर ते बहेंगे,
लेओनी सोने जेहदी मप्पेयां ने महल्ती,
कुड़ी लभनी आ बेबे दी पसंद दी,
सांवली ना यारों गोरे रंग दी,
कुड़ी लभनी आ बेबे दी पसंद दी,
सांवली ना यारों गोरे रंग दी,
कुड़ी लभनी आ बेबे दी पसंद दी,
सांवली ना यारों गोरे रंग दी,
कुड़ी लभनी आ बेबे दी पसंद दी