मन कस्तुरी गीत - मसान | अमित किलाम

By रचनाजोत सेहरावत

मन कस्तुरीको शब्द 'मसान' बाट, रिचा चड्डा, विक्की कौशल र श्वेता त्रिपाठी फिचर। नीरज घायवानले निर्देशन गरेको यस गीतमा इन्डियन ओसनले संगीत भरेका छन् । मन कस्तुरीको शब्द वरुण ग्रोवरले लेखेका हुन् । यो बलिउड गीत द्वारा गाएको छ अमित किलाम.

गायक: अमित किलाम

गीत: वरुण ग्रोवर

रचना गरिएको:  हिन्द महासागर

चलचित्र/एल्बम: मासन

लम्बाइ: 2:45

रिलीज: 2015

लेबल: जी म्युजिक कम्पनी

मन कस्तुरी गीतको स्क्रिनसट

मन कस्तुरी गीत - मसान

बात ना पायी मिठा पानी
बात ना पायी मिठा पानी
और छोर की द्वारी रे
मन कस्तुरी रे जग दस्तुरी रे
मन कस्तुरी रे जग दस्तुरी रे
बात हुई ना पुरी रे
मन कस्तुरी रे जग दस्तुरी रे
बात हुई ना… पुरी रे

खोजे आफ्नो गन्ध न पावे
चादर का पायबन्ध न पावे
खोजे आफ्नो गन्ध न पावे
चादर का पायबन्ध न पावे
बिखरे बिखरे छन्द से पहरे
यसो बाँध ना पावे गर
नाचे होके फिरकी लट्टु
नाचे होके फिरकी लट्टु
खोजे अपनी धुरी रे
मन कस्तुरी रे जग दस्तुरी रे
मन कस्तुरी रे जग दस्तुरी रे
बात हुई ना पुरी रे
मन कस्तुरी रे जग दस्तुरी रे
बात हुई ना… पुरी रे

हो.. उमर की गिन्ती हात न आयो..
पुर्खो ने ये बात बताई
उल्टा गर्दै देख्नका लागि
अम्बर भी है घेरी खाई..

रेखाओं के पार नजर को
जस्ले फेन्का अनि मन से
सतरंगी बजार का खोला
दरवाजा बिन जोर जतन के

फिर तो झुमा बावला होके
फिर तो झुमा बावला होके
सार पे दाल फितुरी रे..

मन कस्तुरी रे जग दस्तुरी रे
बात हुई ना गरीबी रे
मन कस्तुरी रे जग दस्तुरी रे
बात हुई ना गरीबी रे
मन कस्तुरी रे जग दस्तुरी रे
बात हुई ना गरीबी रे

मन कस्तुरी रे जग दस्तुरी रे
बात हुई ना बात हुई ना
बात हुई ना गरीबी रे
पाय मिठा पानी
बात हुई ना गरीबी रे।

गीत तिमी किसी रेल सी गीत

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