बोलो हर हर हर गीत - शिवाय शीर्षक गीत | बादशाह

By तुलसी महाबीर

बोलो हर हर हर Lyrics द्वारा गाया गया शिवाय (2016) से बादशाह, मेघा श्रीराम डाल्टन, मोहित चौहान, सुखविंदर सिंह। इस बॉलीवुड गाना इसे मिथुन ने संगीतबद्ध किया है और गीत संदीप श्रीवास्तव ने लिखे हैं। अजय देवगन द्वारा निर्देशित।

गायक: बादशाह, मेघा श्रीराम डाल्टन, मोहित चौहान, सुखविंदर सिंह

गीतकार: संदीप श्रीवास्तव

रचना: मिथुन

मूवी/एल्बम: Shivaay

लंबाई: 3:29

रिलीज: 2016

म्यूज़िक लेबल: टी-सीरीज़

बोलो हर हर हर गीत का स्क्रीनशॉट

बोलो हर हर हर गीत - शिवाय

आग बहे तेरी रग में
तुझसा कहा कोई जग में
है वक्त का तू ही तो पहला पहर
तू आँख जो खोले तो ढाये केहर

तो बोलो हर हर हर
तो बोलो हर हर हर
तो बोलो हर हर हर

ना आदि ना अंत है उसका
वो सबका ना इनका उनका
वही है माला वही है मनका
मस्त मलंग वो अपनी धुन का

जंतर मंतर अंतर ज्ञानी
है सर्वज्ञ स्वाभिमानी
मृत्युंजय है महाविनाशशी
ओंकार है इसकी वाणी
(इसकी इसकी वाणी)

भांग धतूरा बेल का पत्ता
तीनो लोक हमारी सत्ता
विष पीकर भी बहुत अमर है
महादेव हर हर जय जाप्ता

वही शून्य है वही इकाये (x3)
जिसके भीतर बसा शिवाय है

तो बोलो हर हर हर
तो बोलो हर हर हर

अघोरान्ना परो मंत्र
नास्ति तत्वं गुरो परमं

महादेव नागेन्द्र हराय त्रिलोचनाय
बसमंगा रागाय महेश्वराय
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय
तस्मै नकाराय नमशिवाय

शिव रक्ष्यमम्
शिव पाहिमाम्
शिव त्राहिमाम्

शिव रक्ष्यमम्
शिव पाहिमाम्
शिव त्राहिमाम्

महादेव जी त्राहिमाम् पाहिमाम्
शरणागतम् पहिमाम्
शिव रक्षमम्
शिव पहिमाम् शिव

आंख मूंद कर देख रहा है
साथ समय के खेल रहा है
महादेव महा एककी
जिसके लिए जगत है झांकी

जटा में गंगा चाँद मुकुट है
सौम्या कभी-कभी बड़ा विकास है
आग से जन्मा है कैलाशी
शक्ति जिसकी दरस की प्यासी
है प्यासी हान प्यासी

राम भी उसका, रावण उसका
जीवन उसका मरण भी उसका
तांडव है और ध्यान भी वो है
अज्ञानी का ज्ञान भी वो है

आंख तीसरी जब ये खोले
हिले धरा और स्वर्ग भी डोले
गूंज उठे हर दिशा क्षितिज में
नाग उसी का बम बम भोले

वही शून्य है वही इकाये (x3)
जिसके भीतर बसा शिवाय है

तू ही शिव तुझमें ईश्वर
कोई नहीं यहां तेरे सिवा
उड़ा राख अग्नि को ज्वाला तू कर
मिटा दे अँधेरे तू बन के सहर

तो बोलो हर हर हर
तो बोलो हर हर हर

जा जा के कैलाश जा कर विनाश (x4)

तो बोलो हर हर हर

आंख मूंद कर देख रहा है
साथ समय के खेल रहा है
महादेव महा एककी
जिसके लिए जगत है झांकी

जटा में गंगा चाँद मुकुट है
सौम्या कभी-कभी बड़ा विकास है
आंख से जन्म है कैलाशी
शक्ति जिसकी दरस की प्यासी

तो बोलो हर हर हर

यक्ष स्वरूपाय जट्टा धारय
पिनाक हस्थथया सनातनाय
दिव्याय देवाय दिगम्बराय
तस्मै यकाराय नमशिवाय

गीत सांसों के बोल- रईस

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