बुली लिरिक्स - रॉ (2019) | रब्बी शेरगिल

By तुलसी महाबीर

बुली गीत रॉ उर्फ ​​रोमियो अकबर वाल्टर से। इस बॉलीवुड गाना द्वारा गाया जाता है रब्बी शेरगिल और शाहिद माल्या. इसका संगीत सोहेल सेन ने दिया है और गीत अशोक पंजाबी ने लिखे हैं। रॉ जॉन अब्राहम, मौनी रॉय और जैकी श्रॉफ अभिनीत एक फिल्म है।

गायक: रब्बी शेरगिल और शाहिद माल्या

गीत: अशोक पंजाबी

रचना: कनिश शर्मा

मूवी/एल्बम: रोमियो अकबर वाल्टर

लंबाई: 2:20

रिलीज: 2019

लेबल: ज़ी म्यूजिक कंपनी

बुली के बोल का स्क्रीनशॉट

बुली के बोल - रॉ

हे बुलेया

हे बुलेया

हे बुलेया

अख चक लो जनाब

थोड़ा तक लो जनाब

शोना मुख वेख के

कमाल हो गया

आख चक लो जनाब हैं

थोड़ा तक लो जनाब

तेरा तका बेमिसाल हो गया

हो सद्दी मर्जी सी श्रीम मर गए

हुस्ना दे तेरे सद्दे उत्तर चल गए

हो साथ तेरा वह कमल हो गया

हे बुलिया! दिल किथे चलेया

हे बुलिया! दिल किथे चलेया

हे बुलिया! दिल किथे चलेया

हे बुलिया! दिल किथे चलेया

अख चक लो जनाब

थोड़ा तक लो जनाब

शोना मुख वेख के

कमाल हो गया

अख चक लो जनाब

थोड़ा तक लो जनाब

तेरा तका बेमिसाल हो गया

हो सद्दी मर्जी सी श्रीम मर गए

हुस्ना दे तेरे सद्दे उत्तर चल गए

हो साथ तेरा वह कमल हो गया

हे बुलिया! दिल किथे चलेया

हे बुलिया! दिल किथे चलेया

हे बुलिया! दिल किथे चलेया

हे बुलिया! दिल किथे चलेया

हे बुलिया…

हे बुलिया…

ओह इश्के दे बदली बरशा

हो जा तू मेरी तरफ़ा

तेरे पिचे मैं तो सारा जग भुलेया

आंखें है कितनी सोहनी

काजल मैं बांके सोहनी

मैं तो तेरी आंखों में ही जान घुले

हो देख ले नज़र

कर्ता ईशरे

मैं नहीं कहता:

कहते हैं सारे

ओह साथ तेरा वाह कमल हो गया

हे बुलिया! दिल किथे चलेया

हे बुलिया! दिल किथे चलेया

हे बुलिया! दिल किथे चलेया

हे बुलिया! दिल किथे चलेया

आँखों में ज़्यादा सपने

प्यार के लिए है रखना

निंदों ने रहतों का बुहा खोले

दिल में जो अरमान धक ले

उम्मीदों से ज़्यादा रख ले

मंज़र ख़ुशियों का रंग दोलेया

हो एक करके रंग ले नज़रें

हाथों में भर के खुशी के तारे

हो साथ तेरा वह कमल हो गया

हे बुलिया! दिल किथे चलेया

हे बुलिया! दिल किथे चलेया

हे बुलिया! दिल किथे चलेया

हे बुलिया! दिल किथे चलेया

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