दंगल गीत - शीर्षक गीत | आमिर खान | दलेर मेहंदी

By सुल्ताना सलाहुद्दीन

दंगल गीत शीर्षक गीत | आमिर खान | दलेर मेहंदी: यह बॉलीवुड गाना द्वारा गाया जाता है दलेर मेहंदी, अमिताभ भट्टाचार्य, और प्रीतम और अमिताभ भट्टाचार्य द्वारा संगीतबद्ध संगीत दंगल गीत को लिखा है।

गायक: दलेर मेहंदीअमिताभ भट्टाचार्य

गीत: अमिताभ भट्टाचार्य

रचना: प्रीतम

मूवी/एल्बम: Dangal

लंबाई: 2:28

रिलीज: 2016

लेबल: ज़ी म्यूजिक कंपनी

दंगल शीर्षक गीत के बोल का स्क्रीनशॉट

दंगल शीर्षक गीत के बोल

रे लठ गाड़ दूं
रे जड़ा पद दूं (x2)

माँ के पेट से मरघट तक
है तेरी कहानी पग प्यारे
दंगल दंगल
दंगल दंगल
सूरज तेरा चढता ढलता
गरदीश में करते हैं तारे
दंगल दंगल
दंगल दंगल (x2)

धड़कने छटी में
जब दुबक जाति है
पीठ थपथापा
उन्को फिर जग
बात बन जाती है

बावले हाथी सी
हर चुनौती है रे
सामने खादी
घोर के बड़ी
आंख दिखलाती है

तो आंख से उसकी आंख मिला के
भीड़ जाने का नाम है प्यारे
दंगल दंगल
दंगल दंगल

सूरज तेरा चढता ढलता
गरदीश में करते हैं तारे
दंगल दंगल
दंगल दंगल

रे लठ गाड़ दूं
रे जड़ा पद दूं (x2)

थोस मजबूर भरोसा
अपने सपने पे करना
जितने चाँद उतनी बातें
गौर कितने पे करना

आज लोगो की बारी
जो कहे लेने दे
तेरा भी दिन आएगा
उस दिन अपना चूका के रहना... हो..

क्या भेद के हाकार के बदले
शेर की एक दहाड़ है प्यारे
दंगल दंगल
दंगल दंगल

सूरज तेरा चढता ढलता
गरदीश में करते हैं तारे

दंगल दंगल (x4)

लट्ठ गाड़ दूं
रे जादन पद दूं
रे लठ गाड़ दूं
रे जादन पद दूं

कर देखने का मौका
जब भी किस्मत देती है
जिन के त्यारी के दिन
तुझको मोहलत देता है

मांगती है लागत में
तुझसे हर बून्द पसीना
पर मुनाफ़ा बदले में
ये जान ले बेहद देती है

रे बंदे की मेहंदी को किस्मत
का सदर परनाम है प्यारे
दंगल दंगल
दंगल दंगल

सूरज तेरा चढता ढलता
गरदीश में करते हैं तारे

दंगल दंगल (x5)

गीत Tabah Lyrics - Heropananti

एक टिप्पणी छोड़ दो