दर्द-ए-दिल गीत - पैंथर, अंकी | 2023

By रोंडा ई. गोवेरे

दर्द-ए-दिल गीत by पैंथर, अंकी, यह नवीनतम हिंदी गीत उनकी आवाज में पैंथर ने अपनी धुन बना ली है। दर्द-ए-दिल गाने के बोल पैंथर ने लिखे हैं। इसका म्यूजिक वीडियो सोनी म्यूजिक इंडिया ने रिलीज किया है।

गीत: दर्द-ए-दिल

गायक: तेंदुआ, अंकी

गीत: तेंदुआ

संगीत: तेंदुआ

एल्बम/फिल्म: -

ट्रैक की लंबाई: 4:17

विमोचन: 2023

म्यूज़िक लेबल: सोनी म्यूजिक इंडिया

दर्द-ए-दिल लिरिक्स का स्क्रीनशॉट

दर्द-ए-दिल गीत - पैंथर, अंकी

सुनो मेरा दर्द-ए-दिल
उसे ज़ख्म दिया
फिर वो हंस के चल पड़ी
हम तो उनके मुंतज़िर
शिकवे लाखो पर
चेहरे पे शिकन नहीं

सुनो मेरा दर्द-ए-दिल
उसे ज़ख्म दिया
फिर वो हंस के चल पड़ी
हम तो उनके मुंतज़िर
शिकवे लाखो पर
चेहरे पे शिकन नहीं

उसके जला हमको मैं उसे जला कब
होता जरा बता ऐसा इंसाफ कहां पर
दाग कर फिर उसकी दवा कर
बात बस इतनी सी कि गया नी तू बता कर

तुम्हारे रुलाया हमको आंसू में बहा पर
होता जरा बता ऐसा इंसाफ कहां पर
ज्यादा सुनाया तूने और फिर सुना कम
बात बस इतनी सी कि गया नी तू बता कर

पढ़ा कर तू मेरे बारे पढा कर
जाना है क्या ऊपर लेके
वफ़ा तुझे बच्चा कर
हंसी गई फंस कर

हंसी गई भूला कर
कोई घायल न छूटे
जब कोई छोड़े गले लगाकर
नज़्म तेरे नाम पे तो
देता हूँ कुच्छ बड़ा पड़
हो गई तू खर्च
करूँगा क्या इतना काम कर
ज्यादा सुनाया तूने और फिर सुना कम
बात बस इतनी सी कि गया नी तू बता कर

सुनो मेरा दर्द-ए-दिल
उसे ज़ख्म दिया
फिर वो हंस के चल पड़ी
हम तो उनके मुंतज़िर
शिकवे लाखो पर
चेहरे पे शिकन नहीं

सुनो मेरा दर्द-ए-दिल
उसे ज़ख्म दिया
फिर वो हंस के चल पड़ी
हम तो उनके मुंतज़िर
शिकवे लाखो पर
चेहरे पे शिकन नहीं

कहना तो है काफी तुमसे
शायद एक बार तो मांग लोगे माफ़ी मुझसे
लोग कहते हम ना रह गए हैं पहले जैसे
शायद तू रह गई है काफी मुझमें

भारी दुनिया लगती खाली सी है
न हूं अकेला पर अकेलेपन का साथ भी है
तू गई तो चला गया सुकून भी
अब किसी जिस्म में तेरे जिस्म सा आराम है

चेहरे काफी पर है तेरा चेहरा नहीं
कहते सब पर कोई तुमसा कहता नहीं
रहने को है काफी घर मेरे पास
पर न घर में होती तू तो
धार भी घर सा लगता नहीं

लगता नहीं घर सा लगता नहीं आए
लगता नहीं घर भी घर सा लगता नहीं

सब कुछ पाकर भी सब खो दिया है
किया इतना सब पर तू ना तो क्यों किया है
झगड़ता न है मुझसे अब कोई
अपने में हूं रहता क्योंकि
अपनों को ही खो दिया है
खो दिया है खो दिया है खो दिया है

सुनो मेरा दर्द-ए-दिल
उसे ज़ख्म दिया
फिर वो हंस के चल पड़ी
हम तो उनके मुंतज़िर
शिकवे लाखो पर
चेहरे पे शिकन नहीं

सुनो मेरा दर्द-ए-दिल
उसे ज़ख्म दिया
फिर वो हंस के चल पड़ी
हम तो उनके मुंतज़िर
शिकवे लाखो पर
चेहरे पे शिकन नहीं

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