दो चार दिन Lyrics से हिंदी गाने (2018) द्वारा गाया गया राहुल वैद्य आरकेवी. इस गाने को जीत गांगुली ने संगीतबद्ध किया है और इसके बोल मनोज मुंतशिर ने लिखे हैं।
गायक: राहुल वैद्य आरकेवी
गीत: मनोज मुंतशिर
रचना: जीत गंगुली
मूवी/एल्बम: -
लंबाई: 6:49
रिलीज: 2016
लेबल: टी-सीरीज़
दो चार दिन Lyrics
दो चार दिन से यूंही
ख़ुद से भी मैं ख़फ़ा हूँ
आके जो तू मिले
देखो मैं हंसता हूं
आज फिर, आज फिर, आज फिर...
आज फिर..
आते जाते लोगों से
होने लगी है यारी
लगने लगी है मुझको
ये शामें और प्यारी
आज फिर, आज फिर
आज फिर.. आज फिर..
ला ला लाला.. ओ हो.. ऐ ऐ..
आवाज़ तेरी सुनूं
आ जाए दिल को सुकून
बाकी है जो भी यहां
सब शोर है
तू और आँखे तेरी
डोनो है जन्नत मेरी
जीने की वजह यहाँ क्या है..
पूरा का पूरा मैं तो
अब तेरा हो चुका हूं
आके जो तू मिले
देखो मैं हंसता हूं
आज फिर, आज फिर
आज फिर.. आज फिर..
दिल में जो मेरे दब गया
इक दिन वो बातें सभी
खुल के बताओ तुम्हें
ये शौक है
जैसा किसी ने कभी
चाहा किसी को नहीं
वैसे मैं चाहु मैं तुम्हें
ये शौक है
चाहो तो प्यार कह लो
हां कह लो सरफिरा हूं
आके जो तू मिले
देखो मैं हंसता हूं
आज फिर, आज फिर
आज फिर.. आज फिर..
दो चार दिन से यूंही
ख़ुद से भी मैं ख़फ़ा हूँ
आके जो तू मिले
देखो मैं हंसता हूं
आज फिर, आज फिर
आज फिर.. आज फिर..