प्रथम श्रेणी गीत - कलंक: यह एकदम नया है बॉलीवुड गाना फिल्म कलंक से आलिया भट्ट और वरुण धवन। यह गाना गाया है अरिजीत सिंह और नीति मोहन, प्रीतम द्वारा रचित और अमिताभ भट्टाचार्य द्वारा लिखित।
गायक: अरिजीत सिंह और नीति मोहन
गीत: प्रीतम
रचना: अमिताभ भट्टाचार्य
मूवी/एल्बम: Kalank
लंबाई: 5:02
रिलीज: 2019
लेबल: ज़ी म्यूजिक कंपनी
प्रथम श्रेणी के बोल - कलंकी
मेरे होठों से धुंआधार निकलती है जो बोल
जैसे जैसे बन्दूक की गोली
मेरे तेवर में है तहज़ीब की रंगोली
जैसे जैसे हो ईद में होली
मेरे होठों से धुंआधार निकलती है जो बोल
जैसे जैसे बन्दूक की गोली
मेरे तेवर में है तहज़ीब की रंगोली
जैसे जैसे हो ईद में होली
मेरे जीवन की दशा
थोड़ा रास्तों का नशा
थोड़ी मंजिल की प्यास है
बाकी सब फर्स्ट क्लास है
बाकी सब फर्स्ट क्लास है
बाकी सब फर्स्ट क्लास है
हां कसम से
बाकी सब फर्स्ट क्लास है
पल में तोला पल में माशा
जैसी बाजी वैसा पाशा
अपनी थोड़ी हटके दुनियादारी है
कर्ण क्या है चांदी सोना
जितना पाना उतना खोना
हम तो दिल के धंदे के व्यपारी हैं
मेरी मुस्कान लिए कभी आती है Subah
कभी शर्मनाक उदास है
बाकी सब फर्स्ट क्लास है
बाकी सब फर्स्ट क्लास है
बाकी सब फर्स्ट क्लास है
हां कसम से
बाकी सब फर्स्ट क्लास है
हो सबके होठों पे चर्चा तेरा
बन्टा गलियों में परचा तेरा
यूं तो आशिक हैं लाखों मगरो
सबसे ऊंचा है दरजा तेरा
जेब में हो अथनी भले
चलता नोटों में खारचा तेरा
यूं तो आशिक हैं लाखों मगरो
सबसे ऊंचा है दरजा तेरा
सबसे ऊंचा है दरजा तेरा
मेरी तारिफ से चुपके फिर बदनामी मेरी
जैसे जैसे हो आंख मिचोली
मेरे तेवर में है तहज़ीब की रंगोली
जैसे जैसे हो ईद में होली
मेरे जीवन की दशा
थोड़ा रास्तों का नशा
थोड़ी मंजिल की प्यास है
बाकी सब फर्स्ट क्लास है
बाकी सब फर्स्ट क्लास है
बाकी सब फर्स्ट क्लास है
हां कसम से
बाकी सब फर्स्ट क्लास है
हां!