गबरू दी हिक (चस्का) Lyrics - Amar Sajaalpuria

By टर्फा सोलतानी

गबरू दी हिक (चस्का) Lyrics by अमर सजलपुरिया ब्राउन बॉयज़ द्वारा रचित है जबकि इसके बोल अमर सजलपुरिया ने स्वयं लिखे हैं। स्पीड रिकॉर्ड्स ने इस गाने को रिलीज किया है.

गायक: अमर सजलपुरिया

गीत: अमर सजलपुरिया

रचना: ब्राउन बॉयज़

मूवी/एल्बम: -

लंबाई: 3:52

रिलीज: 2017

लेबल: गति रिकॉर्ड

गबरू दी हिक (चस्का) Lyrics का स्क्रीनशॉट

गबरू दी हिक (चस्का) Lyrics

अत दा शौकिन मुच्छ खादी रख दाई
नित नवा कांड कोई करी रख दाई x (2)

चढ दी जवानी खून मर्दा उबाले
उठो तेरा अथरा हुस्न मर्द

गबरू दी हाइक पड़वा के छोडूंगा
अल्लाहदे नी चस्का ए तेरे प्यार दा एक्स (2)

एके 47 जी अक्ख वालीये
करे अवादियां नू दिन टिचरन x (2)

आर्मी छ होना सी जवान भारती
भांग पाए रोल दत्ता तेरे फिक्रन
चली जांदी तेरी बिना रोक टोक टन
चलदा ऐ जीवन बोल सरकार दा

गबरू दी हाइक पड़वा के छोडूंगा
अल्लाहदे नी चस्का ए तेरे प्यार दा एक्स (2)

हंस हंस तू वि फिर कहर करदी
जट्ट दी वि आंख कोड़ी ज़हर वर्गी x (2)

मैथे विचोन फायर कदने दे शौंकी आ
दुगी टिक्की सद्दे आगे किथे अद'दि
आ जावे सवाद जे कोई खरा तकरे
हो माडे आगे ज़ोर काडे नी खिलाड़ी

गबरू दी हाइक पड़वा के छोडूंगा
अल्लाहदे नी चस्का ए तेरे प्यार दा एक्स (2)

छबियां दिन च 26 होगा परचे
लगियां दफावन दी वि घाट रही न x (2)

तेरा तन निखार हो जिंदा दुगना
पहलवान वाली सद्दी गल बात रही ना
जेल आन विच रूलुगा सजलपुरिया
पट्ट होया बिल्लो तेरे इकरार दा

गबरू दी हाइक पड़वा के छोडूंगा
अल्लाहदे नी चस्का ए तेरे प्यार दा एक्स (2)

अल्लाहदे नी चस्का ए तेरे प्यार दा
गबरू दी हाइक पड़वा के छोडूंगा

गीत गभरू गीत

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