Hai Zaroori Lyrics - Noor | प्रकृति काकरी

By स्टेफ़नी आर हार्वे

है जरूरी गीत नूर (2017) द्वारा गाया गया प्रकृति काकरी। इस बॉलीवुड गाना इसे अमाल मलिक ने संगीतबद्ध किया है और गीत मनोज मुंतशिर ने लिखे हैं।

नूर फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा हैं। और निर्देशन सुनहिल सिप्पी ने किया है। नूर 21 अप्रैल 2017 को रिलीज़ होगी।

गायक: प्रकृति काकरी

गीत: मनोज मुंतशिर

रचना: अमल मलिक

मूवी/एल्बम: नूर

लंबाई: 2:53

रिलीज: 2017

लेबल: टी-सीरीज़

है ज़रूरी गीत का स्क्रीनशॉट

Hai Zaroori Lyrics - Noor

कभी कभी लगे ये
जो होना था हुआ वही
बदलना भी हवाओं का
है जरूरी

कभी कभी लगे ये
जो मिलना था वही
बिखरना भी दुआओं का
है जरूरी

किसी के वास्ते कहां
ज़मीन पर आया आसमां
ये दूरियां रही बस दूरियां

के चोरी चोरी चुपके से रोना
है जरूरी
के पानी-पानी अंखियों का होना
है जरूरी

रह गई आरज़ू इक अधूरी
के कभी कभी ऐसा भी, ऐसा भी होना
है जरूरी

नसमाझ थे हम
जो ये भी ना समझे
वक़्त आने पर
सब बदलते हैं

मंज़िलें क्या हैं
और रास्ते क्या हैं
लोग पाल भर में
यहां रब्ब बदलते हैं

किसी के वास्ते कहां
किनारे आये कश्तियाँ
ये दूरियां रही बस दूरियां

के चोरी चोरी चुपके से रोना
है जरूरी
के पानी-पानी अंखियों का होना
है जरूरी

रह गई आरज़ू इक अधूरी
के कभी कभी ऐसा भी, ऐसा भी होना
है जरूरी

मुस्कुराने के कितने बहाने थे
फिर भी आँखों ने
क्यू नामी छुं ली

दिल की बातें तो
सब आसमानी थी
हम ही पागल थे
इस दिल की जो सुनली

किसी के वास्ते कहां
मिली है रात से सुबह
के दूरियाँ रहि बस दूरियाँ

के चोरी चोरी चुपके से रोना
है जरूरी
के पानी-पानी अंखियों का होना
है जरूरी

रह गई आरज़ू इक अधूरी
के कभी कभी ऐसा भी, ऐसा भी होना
है जरूरी

गीत हाफ विंडो डाउन लिरिक्स

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