हक हुसैन गीत - खुदा हाफिज 2 (2022)

By एमी एस. ब्रैंटली

हक हुसैन Lyrics से खुदा हाफिज 2 एकदम नया है बॉलीवुड गाना द्वारा गाया गया साज भट्ट, ब्रिजेश शांडिल्य, अनीस अली साबरी और इस नवीनतम गाने में विद्युत जामवाल, शिवालिका ओबेरॉय हैं। हक हुसैन गाने के बोल शब्बीर अहमद, अयाज़ कोहली ने लिखे हैं जबकि इसका संगीत भी शब्बीर अहमद ने दिया है और वीडियो फारुक कबीर द्वारा निर्देशित है।

गायक: साज भट्ट, ब्रिजेश शांडिल्य और अनीस अली साब्रीक

गीत: शब्बीर अहमद, अयाज़ कोहली

रचना: शब्बीर अहमद, अयाज़ कोहली

मूवी/एल्बम: खुदा हाफिज 2

लंबाई: 3:24

रिलीज: 2022

लेबल: ज़ी म्यूजिक कंपनी

हक हुसैन गीत का स्क्रीनशॉट

हक़ हुसैन गीत - ख़ुदा हाफ़िज़ 2

रगों में खून है

नहीं सुकून है

देहकते कल्ब में

भरा जुनून है

ज़ुल्म के ख़िलाफ़

ये हक की जंग है

शमशीर पे चढ़ा

लहू का रंग है

(लहू का रंग है)

तूफ़ान चल पड़ा

मिताने काफिला

अली का नूर है वो

वो नवी का चैन है

हुसैन है हुसैन है

नूर-ए-हक हुसैन है

हुसैन है हुसैन है

इमाम-ए-हक हुसैन है

हज़ार लश्करों पे भारी

नाम एक हुसैन है

हुसैन है हुसैन है

नूर-ए-हक हुसैन है

आसमां पे है आदम

ज़मीन है लहू से नाम

सुलगती आग गर्भ में

भड़क रही है दम बादाम

उठो हमारी जिस्म के

लहू में एक उबाल है

अज़ू के वास्ते यहाँ

कदम कदम मजाल है

मजाल है मजाल है

तुम्हें तो इल्म ही नहीं

जरा भी उनके गर्भ का

बहा ना दे कहीं तुम्हें

तूफ़ान उनके सब्र का

बहा ना दे कहीं तुम्हें

तूफ़ान उनके सब्र का

केहर केहर बरस पड़ा

जिधर उठै नैन है

हुसैन है हुसैन है

नूर-ए-हक हुसैन है

हुसैन है हुसैन है

इमाम-ए-हक हुसैन है

हज़ार लश्करों पे भारी

नाम एक हुसैन है

हुसैन है हुसैन है

नूर-ए-हक हुसैन है

हक अली हक अली

हक अली हक अली

मासूमियत के कातिलों का

आज होगा ख़तमा

हम बेटियों की ढाल हैं

सीता हो या हो फातिमा

फौलाद के सीन यहां

ईमान अपने साथ है

ना डर ​​मुझे सर पे मेरे

मौला अली का हाथ है

तुम्हें तो इल्म ही नहीं

जरा भी उनके गर्भ का

बहा ना दे कहीं तुम्हें

तूफ़ान उनके सब्र का

बहा ना दे कहीं तुम्हें

तूफ़ान उनके सब्र का

बहा ना दे कहीं तुम्हें

तूफ़ान उनके सब्र का

केहर केहर बरस पड़ा

जिधर उठै नैन है

हुसैन है हुसैन है

नूर-ए-हक हुसैन है

हुसैन है हुसैन है

इमाम-ए-हक हुसैन है

हज़ार लश्करों पे भारी

नाम एक हुसैन है

हुसैन है हुसैन है

नूर ए हक़ हुसैन है

या अली मौला

हक अली हक अली..

हर दौर उठेगी

हक के लिए शमशीर

हर बार टूटेगी

बुराइ की ज़ंजीर

हर दौर उठेगी

हक के लिए शमशीर

हर बार टूटेगी

बुराइ की ज़ंजीर

जंग की दहाड़ है

सर पे जुनून सवार है

ना बहने का है डर इसे

लहू की ये ललकार है

रिवयते हुसैन हाय मजबूर है

हुसैन है हुसैन है

नूर-ए-हक हुसैन है

हुसैन है हुसैन है

इमाम-ए-हक हुसैन है

या अली

हुसैन है हुसैन है

नूर-ए-हक हुसैन है

मौला अली

गीत एसवाईएल गीत-सिद्धू मूस वाला

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