जनम के नाटे छोड़ चली गाने के बोल | कांचली

By विनयबीर देओल

जनम के नाटे छोड़ चली गाने के बोल फिल्म कांचली से है। इस बॉलीवुड गाना द्वारा गाया जाता है प्रतिभा सिंह बघेल जबकि इसका संगीत शिवांग उपाध्याय और निशांत कमल व्यास ने दिया है। इस गाने के बोल कुसुम जोशी ने लिखे हैं। यह गाना जी म्यूजिक कंपनी के लेबल के तहत रिलीज किया गया है।

गायक: प्रतिभा सिंह बघेल

गीत: कुसुम जोशी

रचना: शिवांग उपाध्याय और निशांत कमल व्यास

मूवी/एल्बम: काँचली

लंबाई: 2:26

रिलीज: 2020

लेबल: ज़ी म्यूजिक कंपनी

जनम के नाटे छोड़ चली गाने के बोल का स्क्रीनशॉट

जनम के नाटे छोड़ चली गाने के बोल

जनम के नाटे छोड चली
नए नए बंधन जोड़ चली
चली माई जाने कहा अकेला
अंजान नगरिया रे

याहा माई अपने छोड चली
वहा माई सपने ओढ़ चाली
चली माई जाने कहा अकेला
अंजान नगरिया रे

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पराया देस बेगन
धुंड रही माई कोई पहचान
भीड में भी माई तो हू अकेला
अंजान नगरिया रे
खुले जब रसमो के धागे
भाव मेरे मन में कुछ जाएंगे
जिंदगी लगने लगी सहेली
अंजान नगरिया रे

रिवाज़ों की रूट बीट गायी
रीत के गगल बीट गायी
रह गई माई बेजान अकेला
अंजान नगरिया रे.

गीत जिया बहरूपिया मेरा गीत

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