कामिल गीत - मुनव्वर फारुकी | 2022

By एलिस मोंटेमेयर

कामिल गीत by मुनव्वर फारुकी. यह बिल्कुल नया है हिंदी गीत द्वारा गाया गया मुनव्वर फारुकी और इस लेटेस्ट गाने का म्यूजिक शॉई ने दिया है. कामिल (कामिल) गाने के बोल भी मुनव्वर ने ही लिखे हैं जबकि म्यूजिक वीडियो भी मुनव्वर फारुकी ने ही जारी किया है।

गायक: मुनव्वर फारुकी

गीत: मुनावरी

रचना: शावी

मूवी/एल्बम: -

लंबाई: 3:26

रिलीज: 2022

लेबल: मुनव्वर फारुकी

कामिल गीत का स्क्रीनशॉट - मुनव्वर फारुकी

कामिल Lyrics - Munawar Faruqui

हां हां हां

तेरी याद दिलाये तेरा चेहरा दिखाये

ऐसी लिख दूं ग़ज़ल मैं कोई

मैं सोया एक चेन की नींद से

अब उठना नहीं है

मेरा सपना बदले ना कोई

तू हो सके तो कभी

ऐ कभी आये अभी आये

मेरी आँखों में तू ठहर तो सही

तोह दिन बन जाए हो समंदर

मन मेरा उछलले मगन

जैसे लहरें हो कोई

तेरी हसरत जो मैंने की

इश्क हुआ है पहले भी

पर दिन दुगना बेहतर लगे

ऐसा हुआ पहले कभी नं

सोह-बत्त जोह पेहले थी

जिस तरह से आप मेरी तस्वीर खींचते हैं वह मुझे पसंद है

तेरी हंसी जीनत तेरी

तसवीरों में कोई फ़िल्टर नहीं कृपया

दुआ है तू रह हिफ़ाज़त

संग मेरे हमेंशा हाय

हुआ है बीते रिश्ते में

ना खुश दोनो हाय

मेरी खामोशी कहती है

क्या तू भी बोले इशारों में

ख्वाहिश कलंदर की लेती

पनाह तेरी ही आँखों में

हां याद दिलाये तेरा चेहरा दिखाये

मेरा सब कुछ लगता तू ही

तू हो राही बेचैन दिलों में

मेरी नज़म वही है

मेरा काफ़िया रदीफ़ भी तू ही

तू हो सके तो आये

बन्न हवाएं छू के जाएं

हम यहां हैं मेरी बाहों में

तू वहीं तो सही

ये मुश्किल भी क्या है

मुस्कुराये हमनवा है मेरे साये

मेरे मन में अँधेरे ना कोई

इश्क कहते जैसे झूठ में

हमें सब पता है जनम

मेरा बेस्ट डे है तेरी हसरतों में

तुझे क्या पता है जनम

रब्ब थक गया है

मेरी अर्ज़ियाँ भी सुनके लिखे ये आमद

तेरा इत्र भी है कुछ कह रहा

मुझे दे रहा इजाज़त

ना सिलहा मांगता दुनिया से

जो कर लूं मैं तुमको हासिल

हमनवा यहां है काफी

पर तू ही लगता है काबिल

मैं तो कर रहा इबादत

तुझको राखे हिफ़ाज़त

तू शामिल है मुझमें ऐसी

करती तू जिंदगी कामिल

तेरी याद दिलाये तेरा चेहरा दिखाये

ऐसी लिख दूं ग़ज़ल मैं कोई

मैं सोया एक चेन की नींद से

अब उठना नहीं है

मेरा सपना बदले ना कोई

तू हो सके तो कभी

ऐ कभी आये अभी आये

मेरी आँखों में तू ठहर तो सही

तोह दिन बन जाए हो समंदर

मन मेरा उछलले मगन

जैसे लहरें हो कोई

तू करती ज़िद है

मैं दिन देता हूं जिनका

ये दूरियां भी पाप है

ये इम्तिहान है फिर से

बिस्मिल ये पल है

तू ही मेरा सफ़र है

तू कर यकीन मेरा

तेरी ख़ुशी मंजिल है

हां याद दिलाए

मेरा सब कुछ लगता तू ही

मेरा काफिया रदीफ भी तू ही

गीत बिजली बिजली Lyrics

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