कारी कारी गीत 'पिंक' से, अमिताभ बच्चन, तापसी पन्नू, एंड्रिया तारियांग और कीर्ति कुल्हारी अभिनीत। यह बॉलीवुड गाना द्वारा गाया गया है क़ुरत-उल-ऐन बलोच. संगीत शांतनु मोइत्रा ने तैयार किया है। कारी कारी के बोल तनवीर गाजी ने लिखे हैं। अनिरुद्ध रॉय चौधरी द्वारा निर्देशित।
गायक: क़ुरत-उल-ऐन बलोच
गीत: तनवीर गाज़ी
संगीत: शांतनु मोइत्र
एल्बम/फिल्म: गुलाबी
लंबाई: 2:57
विमोचन: 2016
म्यूज़िक लेबल: टाइम्स संगीत
कारी कारी गीत - गुलाबी
कारि-कारी रैना सारी साण अंधेरे क्यू लायी
क्यों लेई
रोशनी के पांव में ये बेदियां सी क्यों आईं
क्यों आई।
उजियारे कैसे,
अंगारे जैसे,
छांव छैली धूप मैली क्यों है री।
करि करि रैना सारी साण अंधेरे क्यों लायी
क्यों लायी
रोशनी के पाँव में ये बेदियाँ सी
क्यों आई... क्यों आई।
उजियारे कैसे
अंगारे जायस
छांछ छैली धूप मैली क्यों है री।
तितलियों के पंखों पर
रख दिए गए पत्थर,
ऐ खुदा तू गम है कहां
रेशमी लिबासों को चीरते हैं कुछ खंजर,
ए खुदा तू गम है कहां।
क्या रीत चल पड़ी है,
क्या आग जल पड़ी है,
क्या गालता है सुरमयी धुन (x2)।
कारि कारि रैना सारी सा अंधेरे क्यू लायी
क्यों लेई
रोशनी के पांव में ये बेदियां सी क्यों आई
क्यों आयी।
उजियारे कैसे,
अंगारे जैसे,
छां छैली धूप मैली क्यों है री।
पंखड़ी की बेटी है
कंकड़ो पे लेती है
बारिश है तेजाब की
ना ये उठ के चलती है
न चिता में जलती है
लाश है ये किश ख्वाब की।
रातों में पल रही है
सदकों पे चल रही है
क्यों बाल खोल देहातें यहां (x2)।
करि करि रैना सारे साण अंधेरे क्यों लेई
क्यों लेई
रोशनी के पाँव में ये
बेदियां सी क्यों आई
क्यों आयी,
उजियारे कैसे अंगारे जैसी
चाओँ शैली धूप मैलि क्यूँ बाल री