खुदा भी ना दिखाए गीत - बरखा | 2015

By तुलसी महाबीर

खुदा भी ना देखे बोल बरखा से, यह नवीनतम बॉलीवुड गाना इसे कृष्णा बेउरा ने गाया है और संगीत अमजद नदीम द्वारा निर्देशित और अमजद नदीम द्वारा रचित है और गीत शादाब अख्तर द्वारा लिखे गए हैं।

गायक: कृष्णा बेउरा

गीत: शादाब अख्तर

रचना: अमजद नदीम

मूवी/एल्बम: बरखा

लंबाई: 6:00

रिलीज: 2015

लेबल: ज़ी म्यूजिक कंपनी

खुदा भी ना देखे लिरिक्स का स्क्रीनशॉट

खुदा भी ना दिखे लिरिक्स - बरखा

ये कैसी कश्मकश है,
ये कैसी रहगुज़र है
ये कैसी कश्मकश है,
ये कैसी रहगुज़र है

मैं उल्झा हूं, परेशान हूं
मैं उल्झा हूं, परेशान हूं
हुई क्या मुझसे ऐसी खाता

खुदा भी ना दिखा, दुआ भी ना लगे
जहां तक ​​जाए नजरें,
धुआँ ही धुआँ दिखा

खुदा भी ना दिखा, दुआ भी ना लगे
जहां तक ​​जाए नजरें,
धुआँ ही धुआँ दिखा

रेत का महल वो था,
लहरों में शायद जो बह गया

रेत का महल वो था,
लहरों में शायद जो बह गया
ख्वाहिशों का आशियां,
चांद सांसें लेकर के देह गया

रब्बा खुद के ही साये,
लगे आज पराए
रब्बा खुद के ही साये,
लगे आज पराए

मैं उल्झा हूं, परेशान हूं
मैं उल्झा हूं, परेशान हूं
हुई क्या मुझसे ऐसी खाता

खुदा भी ना दिखा, दुआ भी ना लगे
जहां तक ​​जाए नजरें,
धुआँ ही धुआँ दिखा

जिंदगी ने इश्क में,
मुझे ऐसे मंज़र दिखाये हैं
जिंदगी ने इश्क में,
मुझे ऐसे मंज़र दिखाये हैं

पालकों पे मेरी सदा,
अशको के बादल ही छाए हैं
रब्बा चैन न आए, दिन लगाम सटे
रब्बा चैन न आए, दिन लगाम सटे

मैं उल्झा हूं, परेशान हूं
मैं उल्झा हूं, परेशान हूं
हुई क्या मुझसे ऐसी खाता

खुदा भी ना दिखा, दुआ भी ना लगे
जहां तक ​​जाए नजरें,
धुआँ ही धुआँ दिखा

दर्द का है सिलसिला,
सीन में घूम बे-शुमार है

दर्द का है सिलसिला,
सीन में घूम बे-शुमार है
चाहतें एक मिली हां,
मिले ज़ख्म मुझको हज़ार है

रब्बा पल ही में जैसे,
सौ ख्वाब है टूटे
रब्बा पल ही में जैसे,
सौ ख्वाब है टूटे

मैं उल्झा हूं, परेशान हूं
मैं उल्झा हूं, परेशान हूं
हुई क्या मुझसे ऐसी खाता

खुदा भी ना दिखा, दुआ भी ना लगे
जहां तक ​​जाए नजरें,
धुआँ ही धुआँ दिखा।

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