लाडकी गीत - कोक स्टूडियो एमटीवी - सचिन जिगर | हिंदी गीत

By अमराव छाबड़ा

सचिन जिगर - लाडकी गीत कोक स्टूडियो (2017) द्वारा गाया गया कीर्तिदान गढ़वी, रेखा भारद्वाज, तनिष्का संघवी। इस हिंदी गीत सचिन जिगर द्वारा संगीतबद्ध किया गया है और गीत प्रिया सरैया द्वारा लिखे गए हैं और कोका-कोला कंपनी द्वारा निर्देशित है।

कोक स्टूडियो एमटीवी सीजन 4 से लाडकी गीत, संगीत सचिन जिगर द्वारा रचित है। "लाडकी" शब्द एक बेटी को संबोधित करने का एक प्यारा तरीका है।

सचिन जिगा का लाडकी गाना एक पिता और उसकी बेटी के बीच की खूबसूरत बातचीत को दर्शाता है। यह उनके अनूठे बंधन और एक लड़की के बड़े होकर महिला बनने की यात्रा का जश्न है।

सचिन की बेटी तनिष्का संघवी एक छोटी लड़की के पद गाती हैं जबकि रेखा भारद्वाज एक महिला के पद गाती हैं जबकि गायक कीर्तिदान गढ़वी इस मधुर गीत में गुजराती लोक का एक सुंदर स्पर्श जोड़ते हैं।

गीत: सचिन जिगर - लड़की

गायक: कीर्तिदान गढ़वी, रेखा भारद्वाज, तनिष्का संघवी

गीत: प्रिया सरैया

संगीत: सचिन जिगर

एल्बम/फिल्म: कोक स्टूडियो

ट्रैक की लंबाई: 9:48

म्यूज़िक लेबल: कोक स्टूडियो इंडिया

लाडकी गीत का स्क्रीनशॉट - कोक स्टूडियो एमटीवी - सचिन जिगर

लाडकी गाने के बोल - कोक स्टूडियो एमटीवी

(तनिष्का संघवी)

डोरी ये खिंची डोरी

पालने की तूने मोरी

मेरे सपनों को झुलाया सारी रात

भले बगिया तेरी छोड़ी

भले निंदियाँ तेरी छोरी

बस इत्ती सी याद तू रखियो मेरी बात

तेरी लड़की मैं

तेरी लड़की मैं

तेरी लड़की मैं छोड़ूंगी ना तेरा हाथ..(2x)

(कीर्तिदान गढ़वी)

हो..हो.. मारी लड़की..

ओ रे ओ परेवड़ा तू काले उड़ी जाज रे (2)

मारी हाथु रही जा ने आज नी रात (2)

अरे.. आंबली ने पीपड़ी (2)

जोशे तारि वात रे

भेदा मदी करशु अमे फरियाद

मारी लड़की ने.. खम्मा घणी

मारी डिकरी ने.. खम्मा घणी

मारी लड़की रे ए नानकदी

फारि झाली ले मारो हाथ

मारी लाडखी रे..

ई मिथुदी अमे जोशु तारि वात

(रेखा भारद्वाज)

आ..

बाबुल मोरे.. बाबुल मोरे..

इतनी सी अरज मोरी सुन ले

तेरी लड़की मैं

रहूंगी तेरी लाडली मैं

कितनी भी दूर तोसे मैं चाहूँ

जरा आंच भी जो

कभी मुझ पे की आती थी मोहे

भर जाती थी अंखियां तेरी जाने है तू

फिर ऐसा भी क्या तेरा मुझसे बैर..

ऐसा भी क्या तेरा मुझसे बैर

कर पराई वो है मुँह लिया क्यों फेर

पास ही अपनी रख ले कुछ देर

उड़ जाएगा पाखी होते ही सेवर

(तनिष्का संघवी, रेखा भारद्वाज)

तेरी लड़की मैं..

तेरी लड़की मैं..

तेरी लड़की मैं छोड़ूंगी ना तेरा हाथ

ई खम्मा घणी..

मारी डिकरी ने.. खम्मा घानी..(5x)

(कीर्तिदान गढ़वी)

ऐ.. सजन तारा संभरना हां..

अरे मने वायु ना घेरा वडे

मारे कादज.. कादाज केरे कन्न हेल

एक एक रे आवी चांचू भरे..

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