पागल परिंदे गीत द केरला स्टोरी से, यह नवीनतम बॉलीवुड गीत द्वारा गाया गया सुनिधि चौहान. संगीत बिशाख ज्योति ने दिया है। नवीनतम पागल परिंदे गीत के बोल ओजिल दलाल द्वारा लिखे गए हैं। इसका म्यूजिक वीडियो सनशाइन पिक्चर्स ने रिलीज किया है।
कलाकार: सुनिधि चौहान
पागल परिंदे गीत - केरल की कहानी
न ज़मीन मिली न फलक मिला
है सफर में अंधा परिंदा
जिस राह की मंजिल नहीं
वहीं खो गया होके गुमराह
न ज़मीन मिली न फलक मिला
है सफर में अंधा परिंदा
जिस राह की मंजिल नहीं
वहीं खो गया होके गुमराह
हवा गांव की अब भी ढूंढ रही हूं
बेबस आखें ये धुंधली होती रही
न बोला कुछ न कुछ कहा
कोई जाता है क्या इस तरफ
न ज़मीन मिली न फलक मिला
है सफर में अंधा परिंदा
जिस राह की मंजिल नहीं
वहीं खो गया होके गुमराह
ज़िंदन को उड़ान समझ बैठा
इक बार भी मुड़ के ना देखा
हरे पेड़ों की शाखें छोड़ आया
मासूम को किसने बेहकाया
हरियाली वो यादों में आती रही
राहें तकरीरें रोज़ सुनाती राही
न दुआ मिली न मिला खुदा
हुआ कैद पागल परिंदा
न ज़मीन मिली न फलक मिला
है सफर में अंधा परिंदा
जिस राह की मंजिल नहीं
वहीं खो गया होके गुमराह
ज़हन में किसने ज़हर डाला
रूह पे केहर कर डाला
झूठी तस्वीर दिखा के मज़हब की
कंबख्त इन्सान बदल डाला
दोज़ख की तरफ़ आए नादान चली
जन्नत गाँव में थी अच्छी भाली
आखें खुली तो सब दिखा
गुमनाम है ये परिंदा
न ज़मीन मिली न फलक मिला
है सफर में अंधा परिंदा
जिस राह की मंजिल नहीं
वोही खो गया होके गुमराह