शुक्राना गुल खिले गाने के बोल - शिकारा | मुनीर अहमद मिरी

By थिया एल. पेले

शुक्राना गुल खिले गाने के बोल बॉलीवुड फिल्म 'शिकारा' के स्वरों में मुनीर अहमद मिरी। इस बॉलीवुड गीत संगीत उस्ताद अभय रुस्तम सोपोरी द्वारा रचित है, और गीत बशीर आरिफ द्वारा लिखे गए हैं। आदिल खान और सादिया खतीब अभिनीत, ज़ी म्यूजिक कंपनी द्वारा वर्ष 2020 में रिलीज़ किया गया। सभी नवीनतम और पुराने कश्मीरी विवाह गीतों का आनंद केवल लिरिक्सलॉबी पर लें।

गायक: मुनीर अहमद मिरी

गीत: इरशाद कामिल

रचना: उस्ताद अभय रुस्तम सोपोरी

मूवी/एल्बम: Shikara

लंबाई: 2:41

रिलीज: 2020

लेबल: ज़ी म्यूजिक कंपनी

शुक्राना गुल खिले गाने के बोल

तू है अब जो बाहों में
करार है
रब का शुक्राना
सांसों में है नशा
खुमार है
रब का शुक्राना
तू ही अब मेरा दीन है
ईमान है
रब का शुक्राना
मेरा कलमा है तू
अज़ान है
रब का शुक्राना
[रब का..शुक्राना]
तू मिला तो सब मिला
अब किसी से क्या गिला
तुझमें सिमटून
आ में बिखरूं
तेरी बाहों में
तू मिला तो सब मिला
अब किसी से क्या गिला
तुझमें सिमटून
आ में बिखरूं
तेरी बाहों में
फ़ना हो जाऊँ मैं
तू ही अब दुनिया मेरी
जहाँ है
रब का शुक्राना
ख्वाबों के ख्यालों की
उड़ान है
रब का शुक्राना
रब का शुक्राना
तू ही अब मेरा दीन है
ईमान है
रब का शुक्राना
मेरा कलमा है तू
अज़ान है
रब का शुक्राना
सब से हो जाऊँ परे
जो इशारा तू करे
अब तो रहना है
तुझमें गुमशुदा हूं मैं
सब से हो जाऊँ परे
जो इशारा तू करे
अब तो रहना है
तुझमें गुमशुदा हूं मैं
हो तेरी बाहों में
जज्बों का अब तो नया
बयान है
रब का शुक्राना
नया रुतबा नई शान है
रब का शुक्राना
तू ही अब मेरा दीन है
ईमान है
रब का शुक्राना
मेरा कलमा है तू
अज़ान है तू
रब का शुक्राना
[रब का..
रब का..
रब का..

गीत घर भरा सा लगे Lyrics

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