आज रो लेन दे गीत - 1920 लंडन | शारीब साबरी

By शर्ली हॉवर्थ

आज रो लेन दे गीत 1920 पासून लंडन यांनी गायले आहे शारीब साबरी. या बॉलिवूड गाणे कलीम शेख, शारीब साबरी, तोशी साबरी यांनी लिहिलेल्या गीतांसह शारीब साबरी, तोशी साबरी यांनी संगीत दिले आहे.

आणि टिनू सुरेश देसाई दिग्दर्शित.

गायक: शारीब साबरी

गीताचे बोल: कलीम शेख, शारीब साबरी, तोशी साबरी

संगीत: शारीब साबरी, तोशी साबरी

अल्बम/चित्रपट: एक्सएनयूएमएक्स लंडन

लांबी: 2:37

संगीत लेबल: टी-मालिका

आज रो लेन दे गीतांचा स्क्रीनशॉट

आज रो लेन दे गीत

आज रो ले दे वे जी भरके
मेरी सांसों से डागा करके
तू गया मला फना करके
वे जाणिया

मेरा जख्म-ए-दिल हारा करदे
घम की अब दावा करडे आहे
नजरोन को बावफा करडे
वे जाणिया

आदत है तेरी
या तेरा नशा है
कैसे बताऊं तुझको रेहबरा

वे आज रो ले दे वे जी भरके
मेरी सांसों से डागा करके
तू गया मुझे फना करके वे जानिया

सांसों को तेरी जरूरत
करे कैसे बयाण कोई
आंखों में है ऐसी रंगत
के रोशन हो जहाँ कोई
दिल बिमार ए मोहब्बत
बस चाहता थोडी राहत है

तेरा गम ही मेरी मंझिल है
तू ना क्यूं मुझे हसील है
हूं मुख्य दरिया
तू साहिल आहे वे जानिया

वे आज रो ले दे वे जी भरके
मेरी सांसों से डागा करके
तू गया मुझे फना करके ओ जानिया
वे जानिया.. ओ जानिया

हम्म.. जिंदा हूं है मुझको केस
मैं तेरे बिन जिया कैसे
हम्म.. सांसों ने की ऐसी जुर्रत
जेहर हंस के पिया कैसे

तेरे दर्द से मेरी नसबत हैं
तेरी यादों की हसीन सोहबत हैं
अश्कों से दिल को तर कर दे
मेरी आहों में असर भर दे
मेरी नजरों पे नजर कर दे
वे जाणिया

वे आज रो लें दे वे जी भर के
मेरी सांसों से डागा करके
तू गया मला फना करके

चेकआऊट आज जाने की जिद ना करो गाण्याचे बोल 

एक टिप्पणी द्या