बिस्मिल गीत (हैदर) - सुखविंदर सिंग

By मेघना प्रकाश

बिस्मिल गीत (हैदर) 2014 ने गायले आहे सुखविंदर सिंग. या बॉलिवूड गाणे गुलजार यांनी लिहिलेल्या गीतांसह विशाल भारद्वाज यांनी संगीत दिले आहे.

हैदर चित्रपटात के के मेनन, शाहिद कपूर, श्रद्धा कपूर, तब्बू यांच्या भूमिका आहेत. आणि दिग्दर्शन विशाल भारद्वाज यांनी केले आहे. हैदर 2 ऑक्टोबर 2014 रोजी रिलीज झाला.

गायक: सुखविंदर सिंग

गीतकार: गुलजार

तयार केलेले: विशाल भारद्वाज

चित्रपट/अल्बम: हैदर

लांबी: 2:06

रीलिझ: 2014

संगीत लेबल:  टाइम्स संगीत

बिस्मिल गीतांचा स्क्रीनशॉट (हैदर)

बिस्मिल बुलबुले बिस्मिल गीत

बिस्मिल बिस्मिल, बुलबुले बिस्मिल
मत मिल मत मिल, गुल से मत मिल
आये बिस्मिल बिस्मिल, बुलबुले बिस्मिल
मत मिल मत मिल, गुल से मत मिल
बिस्मिल बिस्मिल, बुलबुले बिस्मिल
आये दिल बुल-बुले, बुलबुले बिस्मिल
मुश्कील दिल भी मुश्कील होती है

दिल धडके दिल, दिल धडके तो
दिल धडके दिल, दिल धडके तो
धडकने दिल भी हरकत दिल होती है
खुशबू-इन गुल में, इश्क भरा है

मत मिल मत मिल, गुल से मत मिल
आये बुलबुले बिस्मिल
मत मिल मत मिल, गुल से मत मिल
आये बुलबुले बिस्मिल

हो सुन ले जमाना, समझता हूं
तेरी कहानी दोहरता हूं
आये दिल-ए-बुल-बुल, बुलबुले बिस्मिल
आये दिल-ए-बुल-बुल, बुलबुल बुलबुले बिस्मिल
एक जोड था, नार मादा का
भोली थी बुल-बुल, नार सादा था
एक जोड था, नार मादा का
भोली थी बुलबुल, नार सादा था

बर्फ गिरा करत होती जब
भर जाती थी कौह सारो में
इक बाज बडा बदनीयत था
हान, इक्क बाज बडा बदनियत था
उद्धट था, सब झा झारो में
पंखों में उसके, मौत छुपी थी

मेहफिल मेहफिल धुंद रहा था
मेहलों की मंझील
मेहफिल मेहफिल धुंद रहा था
मेहलों की मंझील

बुलबुल के ख्वाबो में जा कर
जेहेर के डंक लगाये द
खुशबू-इन गुल में जेहेर भरा
और मादा को भिज वाये थे
जेहेर के डंक लागये थे
(बुलबुल के ख्वाबों में जा कर)
मादा को भिज वाये थे
(झेहर के डंक लागये थे)
हो वाडी में चिडका बारूद
झील में जाऊ बिचा डाले
चुरियों से बिचारे नार के
चुरियों से बिचारे नार के
दोनो पंख काटा डाले

अरे दिल दिल दिल झुठ काहे ये
झुठ काहे बुजदिल
मत मिल मत मिल, गुल से मत मिल
आये बुलबुले बिस्मिल
आये बुलबुले बिस्मिल

जख्मी नार को कैद किया
जंजीरों में बंद वाया
आराममुला के शिरीपूर से
फिर पानी में फिक वाया
झेहलम, झेलम
लाल लाल, हुआ लाल लाल
हुआ लाल लाल, हुआ लाल
झेहलम, झेलम
लाल लाल, हुआ लाल लाल
हुआ लाल लाल, हुआ लाल

काश्मीर के पानी की तसीरे
खुल गई जंजीरें तकदीरे
जिंदा है वो जिंदा होगा
मुजरिम भी शर्मिंदा होगा
जिंदा है वो जिंदा होगा
मुजरिम भी शर्मिंदा होगा
जिंदा है वो जिंदा होगा
मुजरिम भी शर्मिंदा होगा

होश में आजा, होश में आजा
आये बुलबुले बिस्मिल, बुलबुले बिस्मिल
खुशबू-इन गुल में झेहर भरा है
होश में आजा, होश में आजा
आये बुलबुले बिस्मिल
होश में आजा, होश में आजा
आये बुलबुले बिस्मिल

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