गिलेहरियान गीत – दंगल | आमिर खान

By शार्लोट बॅलेस्टेरोस

बॉलिवूड गाणे गिलेहरियान गीत दंगलमधून आमिर खानच्या आवाजात आहे जोनिता गांधी. त्याची रचना प्रीतम यांनी केली असून अमिताभ भट्टाचार्य यांनी गीते लिहिली आहेत.

गायक: जोनिता गांधी

गीताचे बोल: अमिताभ भट्टाचार्य

संगीत: प्रीतम

अल्बम/चित्रपट: दंगल

लांबी: 2:27

सोडलेले: 2016

संगीत लेबल: झी म्युझिक कंपनी

गिलेहरियान गीतांचा स्क्रीनशॉट

गिलेहरियाचे बोल – दंगल

रंग बादल के
क्यूं चकक रहे हैं
दिन दुपेहरियान

मैं जानू ना, जानू ना, जानू ना, जानू ना
क्यूं फुडक फुडक के
धडकनो की चल राही गिलेहरियां

मैं जानू ना, जानू ना, जानू ना, जानू ना
रंग बादल के
क्यूं चकक रहे हैं
दिन दुपेहरियान

मैं जानू ना, जानू ना, जानू ना, जानू ना
क्यूं फुडक फुडक के
धडकनो की चल राही गिलेहरियां

मैं जानू ना, जानू ना
क्यूं जरा सा मौसम सिरफिरा आहे
या मेरा मूड मस्करा है, मस्करा है
जो जायका मनमनियों का है
वो कैसा रस भरा है

मैं जानू ना, जानू ना, जानू ना, जानू ना
क्यूं हजारे गुलमोहर से
भर गई है ख्वाहिशों की तहनियां

मैं जानू ना, जानू ना, जानू ना, जानू ना
क्यूं फुडक फुडक के
धडकनो की चल राही गिलेहरियां
मैं जानू ना, जानू ना, जानू ना, जानू ना

हा… हे हे हो…

एक नई सी दोस्ती आसमान से हो गई
जमीन मुझे जल के
मुंह बना के बोले
तू बिगड राही आहे

जिंदगी भी आज कल
गिंटियों से ओब के
गणित के आंकडों के साथ
इक आधा शायर पड राही आहे

मैं सही घात के पिचे
सोड के चली कचेहरियां

मैं जानू ना, जानू ना, जानू ना, जानू ना
क्यूं फुडक फुडक के
धडकनो की चल राही गिलेहरियां

मैं जानू ना, जानू ना
क्यूं जरा सा मौसम सिरफिरा आहे
या मेरा मूड मस्करा है
महखरा आहे..
जो जायका मनमनियों का है
वो कैसा रस भरा है

मैं जानू ना, जानू ना, जानू ना, जानू ना
क्यूं हजारे गुलमोहर से
भर गई है ख्वाहिशों की तहनियां

मैं जानू ना, जानू ना, जानू ना, जानू ना
क्यूं फुडक फुडक के
धडकनो की चल राही गिलेहरियां
मैं जानू ना, जानू ना, जानू ना, जानू ना

ओह.. हां…

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