हवाओं के शहर में गीत – द बिग बुल | यासर देसाई

By सारा नायर

हवाओं के शहर में गीत by यासर देसाई अभिषेक बच्चन असलेल्या बिग बुल चित्रपटातील, निकिता दत्ता नवीनतम आहे हिंदी गाणे. गौरोव दासगुप्ता यांनी संगीतबद्ध केले आहे आणि कुंवर जुनेजा यांनी लिहिलेल्या हवाओं के शहर में गीत.

गायक: यासर देसाई

गीताचे बोल: कुंवर जुनेजा

तयार केलेले:  गौरव दासगुप्ता

चित्रपट/अल्बम: बिग बुल

लांबी: 2:57

रीलिझ: 2021

लेबलः झी म्युझिक कंपनी

हवाओं के शहर में गीतांचा स्क्रीनशॉट

हवाओं के शहर में गीत – द बिग बुल

मेरा दिलबर दुआओं जैसा
शायद खुदा ही ऐसा होता है
तू तो पाणी के कातरों जैसा
सांसों की माती जो भीगोता है

मेरा दिलबर दुआओं जैसा
शायद खुदा ही ऐसा होता है
तू तो पाणी के कातरों जैसा
सांसों की माती जो भीगोता है

प्यार के सिहराने बैठा दिल सोचदा
झांमो का है ये वस्ता

हवाओं के सहेर में
तुझी पे बस याकीन है
तू है तो जिंदा जिंदगी
नही तो कुछ नहीं है

हवाओं के शहर में
तुझी पे बस याकीन है
तू है तो जिंदा जिंदगी
नही तो कुछ नहीं है
नही तो कुछ नहीं है

अरे तेरे बिना रहें ना मंझील कोई
अरे घेरे अंधेरों में गम हो राही रोशनी
अरे ऐसा लगे बंजर है दिल की जमीन
अरे तेरे सिवा कुछ और मंगा नाही

अरे चाहे जमाना सारा हो बेखाफा
तू ना कधी होना जुडा

हवाओं के सहेर में
तुझी पे बस याकीन है
तू है तो जिंदा जिंदगी
नही तो कुछ नहीं है

हवाओं के शहर में
तुझी पे बस याकीन है
तू है तो जिंदा जिंदगी
नही तो कुछ नहीं है
नही तो कुछ नहीं है

मेरा दिलबर दुआओं जैसा
शायद खुदा ही ऐसा होता है
तू तो पाणी के कातरों जैसा
सांसों की माती जो भीगोता है

गाणे बिग बुल गीत

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