इश्क दी बाजीयां गीत – सूरमा (२०१८)

By मेघना प्रकाश

इश्क दी बाजियांचे बोल सूरमा कडून, हे बॉलिवूड गाणे द्वारे गायले जाते दिलजीत दोसांझ आणि शंकर महादेवन. याचे संगीत शंकर एहसान लॉय यांनी दिले असून गीते गुलजार यांनी लिहिली आहेत.

कलाकार: दिलजीत दोसांझ आणि शंकर महादेवन

गीत: गुलजार

बनलेला: शंकर एहसान लॉय

चित्रपट/अल्बमसूरमा

लांबी: 4: 51

सोडलेले: 2018

लेबल: SonyMusicIndiaVEVO

इश्क दी बाजियांच्या बोलांचा स्क्रीनशॉट

इश्क दी बाजियांचे बोल - सूरमा

कभी उससे नूर नूर कहता हूं
कभी मैं हूर कहता हूँ x (2)

इश्क में चूर चूर रहता हूं
दार ना जा
ना जा आँखों में ही रहना
आखों आखों में ही रहना
आखों आखों में ही रहना

इश्क दी बजियां
जितियां ना हरियां
जान से लग गई
जान की यारियां

जिन के देख बदन पे

नील दिए हैं इश्क ने
पडे जो हाथ पे चाले
छील दिए हैं इश्क ने
वे मैं सारे दुख सेहना
तैनु नाई दासना
हो लगियां इश्क दी बजियां
जितियां ना हरियां
जान से लग गई
जान की यारियां

कभी उससे नूर नूर कहता हूं
कभी मैं हुर हुर कहता हूँ
इश्क में चूर चूर रहता हूं

दार ना जा x (2)
ना जा आँखों में ही रहना
आखों आखों में ही रहना

आखों आखों में ही रहना
आखों आखों में हाय

तेरे बिन, बिन तेरे सुफियों के डेरे
देख मैं कितना लगाये फेरे आदिये
हो छोड के भी जाना हो तो
हरी भरी बेरी उंच
छल्ला छड जाई नी कुडिये x (2)

याद आ जाए ते तेरा नाम लेके झूम लू
शाम आ जाए ते उठ के
चांद का माथा चूम लू
वे मैं सारे दुख सेहना
तैनु नाही दासना

हो लगियां इश्क दी बजियां
जितियां ना हरियां
जान से लग गई
जान की यारियां

कभी उससे नूर नूर कहता हूं
कभी मैं हुर हुर कहता हूँ
इश्क में चूर चूर रहता हूं
दार ना जा x (2)

ना जा आँखों में ही रहना
आखों आखों में ही रहना
आखों आखों में ही रहना

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