ना चाह के भी गीत नर्गिस फाखरी आणि राजकुमार राव, हे 5 लग्नातील पराक्रमातून बॉलिवूड गाणे द्वारे गायले जाते विशाल मिश्रा आणि शर्ली सेटिया. त्याचे संगीत विशाल मिश्रा यांनी दिले आहे. गीते अभेंद्र कुमार उपाध्याय यांनी लिहिली आहेत.
गायक: विशाल मिश्रा आणि शर्ली सेटिया
गीताचे बोल: अभेंद्रकुमार उपाध्याय
तयार केलेले: विशाल मिश्रा
चित्रपट/अल्बम: 5 विवाहसोहळा
लांबी: 2:28
रीलिझ: 2018
लेबलः टी-मालिका
ना चाह के भी गीत – ५ लग्न
मना किया था लबों को अपना
के नाम तेरा ले ना कभी
रोका बोहत के ये चेहरा तेरा
ख्वाबों को अपने दे ना कभी
कुछ नही है पहले जैसा
आज-कल सब नया है
कुछ अलग सा लग रहा है
ये जो आहे सिलसिला
ना चाह के भी ना जाने क्यूं
तेरा हो गया
ना चाह के भी ना जाने क्यूं
तेरा हो गया
मना किया था..
मेरे आगे क्यूं कुछ हैं
इश्क वाले धागे धागे
उसमें लिपटा सा ना गया, तू मिल गया
साडे साडे ते इराडे
आधे आधे जो थे वादे
आके तू इन्से क्यूं जुड गया, जुड गया
हाथों में हो हाथ तेरा
तो सफर का मजा है
जिस सफर में तुम ना हो तो
वो महज एक साजा
ना चाह के भी ना जाने क्यूं
तेरा हो गया x (2)
थोडाथोडा करता देखो
सारे हुए तुम्हारे हम
मीठी मीठी होईन लागली
पेहले ते हान थे खरे हम
मैं कोरा सा कागज
जिसकी स्याही तू हाय
पढते हैं सब मुझे
आओ तुम भी पढो ना
कधी होता ना था
जाने क्यूं हो गया हो
ना चाह के भी ना जाने क्यूं
तेरा हो गया x (2)