नर हो गाण्याचे बोल – उत्तरा उन्नीकृष्णन | अटकन चटकन

By रिचर्ड आर. सॅक्सटन

2020 नार हो गाण्याचे बोल च्या आवाजात Atkan Chatkan चित्रपटातून उत्तरा उन्नीकृष्णन फूट. लिडियन नधस्वरम, आरएसरक्तक्ष, इधाझिगा, ड्रम्स शिवमणी यांनी संगीत दिले आहे आणि या नवीन गाण्याचे बोल राष्ट्रकवी मैथिली शरण गुप्त यांनी एकत्र केले आहेत.

गायक: उत्तरा उन्नीकृष्णन

गीताचे बोल: राष्ट्रकवी मैथिली आणि शरण गुप्त

तयार केलेले: ढोल शिवमणी

चित्रपट/अल्बम: अटकन चटकन

लांबी: 4:54

रीलिझ: 2020

लेबल: झी म्युझिक कंपनी

नार हो गीतांचा स्क्रीनशॉट

नर हो गाण्याचे बोल - अटकन चाटकन

नर हो, ना निरश करो मन को
नर हो, ना निरश करो मन को

काही काम करो
काही काम करो
जग में राह के निज नाम करो
काही काम करो
काही काम करो
जग में राह के निज नाम करो

ये जन्म हुआ किस अर्थ हो
समझो जिस्म ये वयर्थ ना हो
ये जन्म हुआ किस अर्थ हो
समझो जिस्म ये वयर्थ ना हो
काही तो उपयोग करू तन को
नर हो, ना निरश करो मन को
नर हो, ना निरश करो मन को

सांभाळो किस योग ना जाय चाला
अब मैं तो औसद उपाए भला
समझो जग को ना निराशा बाणा
पथ आप प्रस्थ करो अपना

अखिलेश्वर आहे अवलंबन को
नर हो, ना निरश करो मन को
नर हो, ना निरश करो मन को

(नार हो, ना निरश करो मन को
नर हो, ना निरश करो मन को)

जब प्राप्‍त तुम्हे समतात्‍व याहां
फिर जा सक्ता वो सत्व कहां?
तुम सब वसुधा रसपान करो
उठ के अमृत्य विधान करो

जब रूप रहो भावगणन को नार हो
नर हो, ना निरश करो मन को
नर हो, ना निरश करो मन को
नर हो, ना निरश करो मन को
नर हो, ना निरश करो मन को

निज गौरव का नित ज्ञान राहे
हम भी कुछ है ये ज्ञान रहे
(निज गौरव का नित ज्ञान राहे
हम भी कुछ है ये ज्ञान रहे)
समझे ये भी प्रमान रहे
मरनोतर गुंजीत गां राहे
(समझाये यह भी मान रहे
मरनोतर गुंजीत गां राहे)

कुछ होना था जो निज साधन को
कुछ होना था जो निज साधन को
नर हो, ना निरश करो मन को
नर हो, ना निरश करो मन को

गाणे ओह माँ मेरी माँ गीत

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