सफर गीत - मोहित चौहान | नोटबुक

By स्टेफनी आर. हार्वे

सफर गीत - नोटबुक: हे अगदी नवीन आहे बॉलिवूड गाणे "नोटबुक" चित्रपटातून. झहीर इक्बाल आणि प्रनूतन बहल स्टारर. द्वारे गायले जाते मोहित चौहानविशाल मिश्रा यांनी संगीतबद्ध केलेले आणि कौशल किशोर यांनी लिहिलेले.

गायक: मोहित चौहान

गीताचे बोल: कौशल किशोर

तयार केलेले: विशाल मिश्रा

चित्रपट/अल्बम: नोटबुक

लांबी: 3:31

रीलिझ: 2019

लेबलः टी-मालिका

सफर लिरिक्सचा स्क्रीनशॉट

सफर गीत - नोटबुक

अरे बंदेया धुंदे आहे काय

रहें तेरी है घर तेरा

चलना वहाँ, जाना वहाँ

खुद तक कहें पाहुंचें

कदम उठा और साथ में हो ले

शेहर शहर ये तुझसे देखो बोले

तुकार तुकार युं आपल्या नैना खोले

जिंदगी पी ले जरा

बेहती हवाओं के जैसे हैं इरादे

उडते परिंदों से तलाश हैं जो बातें

अंजनी राहों पे कोई… मुख्य चला

मैं सफर में हूं, खोया नहीं

मैं सफर में हूं, खोया नहीं

मैं सफर में हूं, खोया नहीं

मैं सफर में हूं, खोया नहीं

थोडा आगे बधेन

मैने जाना ये

सच है तो क्या है

उल्झे उल्झे सब सावल

जिंदगी है ये क्या

मैं कौन हूं

मैने ये जाना

मुझे मिल ही गये सब जबाब

देखो ना हवा कानों में मेरे कहती क्या

बोलि वेख फरीदा मिटती खुळी

मिट्टी उत्ते फरीदा माती धुल्ली

चार दिन दा जी ले मेला दुनिया

फिर जाने क्या...

बेहती हवाओं के जैसे हैं इरादे

उडते परिंदों से तलाश हैं जो बातें

अंजनी राहों पे कोई… मुख्य चला

मैं सफर में हूं, खोया नहीं

मैं सफर में हूं, खोया नहीं

मैं सफर में हूं, खोया नहीं

मैं सफर में हूं, खोया नहीं

ये कैसा सफर है जो यूं डुबा रहा

जाता हूं कहीं मैं या लौट के आ रहा

वो चेहरे वो आंखें

वो यादें पुराणि

माझें पुच्छती

ये नादिया का पानी भी कहता है कहता येही

मैं सफर में हूं, खोया नहीं

मैं सफर में हूं, खोया नहीं

मैं सफर में हूं, खोया नहीं

मैं सफर में हूं, खोया नहीं

खोया नाही, खोया नाही

खोया खोया खोया खोया नाही

मैं सफर में हूं, खोया नहीं

गाणे भुमरो गीत

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