दर्द-ए-दिल गीत by प्यान्थर, एन्की, यो नवीनतम हिन्दी गीत उनको स्वरमा प्यान्थरले आफ्नो धुन बनाएको छ । दर्द-ए-दिल गीतका शब्द प्यान्थरले लेखेका हुन्। यसको म्युजिक भिडियो सोनी म्युजिक इन्डियाले सार्वजनिक गरेको हो ।
गीत: दर्द-ए-दिल
गायक: कालो चितुवा, एन्की
गीत: कालो चितुवा
संगीत: कालो चितुवा
एल्बम/चलचित्र: -
ट्र्याक लम्बाइ: 4:17
रिलिज गरिएको: 2023
संगीत लेबल: सोनी संगीत भारत
दर्द-ए-दिल गीत - प्यान्थर, आंकी
सुनो मेरा दर्द-ए-दिल
उस्ले जख्म दिया
फिर वो हंस के चल पडी
हम तो अनके मुन्ताजिर
सिक्वे लाखौं पार
चेहरे पे सिक्न नही
सुनो मेरा दर्द-ए-दिल
उस्ले जख्म दिया
फिर वो हंस के चल पडी
हम तो अनके मुन्ताजिर
सिक्वे लाखौं पार
चेहरे पे सिक्न नही
उस्ले जलाया हमको मै उस्ले जला कब
होता जरा बता ऐसा इन्साफ कहाँ पर
दगा कर फिर उसकी दावा कर
बात बस यति सी कि गई नि तिमी बता कर
तुम्ने रुलाया हमको आँसु मै बहा पर
होता जरा बता ऐसा इन्साफ कहाँ पर
धेरै सुनाया तोँ और फिर सुना कम
बात बस यति सी कि गई नि तिमी बता कर
पढ कर तिमी मेरो बारे पढ कर
जाना है क्या वर लेके
वफा तुझे बाचा कर
हँसी गई फंस कर
हंसी गई भुला कर
कोइ घायाल न छुटे
जब कोइ छोडे गले लगाकर
नजम तेरे नाम पे तो
देते हुं कुच्छ बडा पढ
हो गई तिमी खार्च
करुंगा क्या यह काम कर
धेरै सुनाया तोँ और फिर सुना कम
बात बस यति सी कि गई नि तिमी बता कर
सुनो मेरा दर्द-ए-दिल
उस्ले जख्म दिया
फिर वो हंस के चल पडी
हम तो अनके मुन्ताजिर
सिक्वे लाखौं पार
चेहरे पे सिक्न नही
सुनो मेरा दर्द-ए-दिल
उस्ले जख्म दिया
फिर वो हंस के चल पडी
हम तो अनके मुन्ताजिर
सिक्वे लाखौं पार
चेहरे पे सिक्न नही
कहना तो है काफी तुमसे
शयाद एक बार तो मङ्ग लोगे माफी मुझे
लग कहते हम ना रहे गए हैं पहले जैसे
शायद तू रह गई है काफी मुझमें
भारी दुनिया लगती खाली सि है
न हुँ अकेला पर अकेलेपन का साथ भी है
तिमी गई तो चला गया सुकुन भी
अब किसी जिस्म मे तेरे जिस्म सा आराम नी है
चेहरे काफी पर है तेरा चेहरा नही
केहते सब पर कोई तुम्सा कहता नही
रहने को है काफी घर मेरे पास
पर ना घर मे होती तिमी
धर भी घर लगत नही
लग्त नहि घर सा लग्त न आयो
लगता नही घर भी घर साँझ लाग्दैन
सब कुछ पाकर भी सब खो दिया है
किया इतना सब पर तू ना तो क्यों किया है
झगड्ता ना है मलाई अब कोई
अपने मैं हूं रहता क्युकी
अपना को ही खो दिया है
खो दिया है खो दिया है खो दिया है
सुनो मेरा दर्द-ए-दिल
उस्ले जख्म दिया
फिर वो हंस के चल पडी
हम तो अनके मुन्ताजिर
सिक्वे लाखौं पार
चेहरे पे सिक्न नही
सुनो मेरा दर्द-ए-दिल
उस्ले जख्म दिया
फिर वो हंस के चल पडी
हम तो अनके मुन्ताजिर
सिक्वे लाखौं पार
चेहरे पे सिक्न नही