घूम चरखेया गीत - सुखविंदर सिंह | रात अकेली है

By अमोलिका कोरपाल

घूम चरखेया गीत फिल्म रात अकेली है बाट। यो बलिउड गीत द्वारा गाइन्छ सुखविंदर सिंह। स्नेहा खानवलकरको संगीत संयोजन स्वानन्द किरकिरेको स्वरमा रहेको छ । साउन्डट्र्याक एल्बम जी म्युजिक कम्पनीको लेबल अन्तर्गत रिलीज गरिएको छ।

गायक: सुखविंदर सिंह

गीत: राज शेखर

रचना गरिएको: स्नेहा खानवलकर

चलचित्र/एल्बम: रात अकेली है

लम्बाइ: 3:17

रिलीज: 2020

लेबल: शिल्पा राव

घूम चरखेया गीत को स्क्रीनशट

घूम चरखेया गीत - रात अकेली

Unghata - Unghata
धुन्डा - धुन्डा
उल्झानो मे गिरेह
बाँधता तोडता।

Unghata - Unghata
धुन्डा - धुन्डा
उल्झानो मे गिरेह
बाँधता तोडता।

दर्द के धागो को
कट्टा-कट्टा।
आकर्षण राहत तेरी
चिख्ता चिख्ता
उघाता हे तिमी घूम
भुलता हे तिमी घूम
जादु टोन सबि।

फुङ्कटा हे तिमी घूम
खोखले-खोखले
आस्मान के कथा
दिल की बेदंगी बेताली
ल पे तु घूम
घूम चरख्या घूम चरख्या घूम।
घूम चरख्या घूम चरख्या घूम।

चरख्या घूम।

एक धागा वेहम
एक धागा भरम
धागा धागा बुने
तु अभाग सा गम

एक धागा वेहम
एक धागा भरम
धागा धागा बुने
तु अभाग सा गम

मुक्कादर की चादर मा
मेँ ढोखे कि झलार है
झलार पे आशु की बुन्द।

रेन्टा।

रङ्गता रङ्गता सोता और जगता
रङ्गता रङ्गता सोता और जगता
खुटियों पे सवालो को तु ताङ्गता
कसमसा हात की हर हदको तिमी लङ्गटा
एक जिद्दी पुरानी सी आदत सा घूम

घूम घूम घूम घूम
घूम घूम घूम चरख्या...

घूम चरख्या घूम चरख्या घूम
घूम चरख्या घूम।

तन से चिपते हुये एक एहसास सा
नंगी सी रूह पे चमडी की पोशाख सा

तन से चिपते हुये एक एहसास सा
नंगी सी रूह पे चमडी की पोशाख सा
के संग राखे मे तडपे है
बिलते है सिस्के है
उबले है पिघला जुनून

खोलता खोलता उघाता भन्धता
तराजों के गम खोलता नापता मा
खुद अपने बदन मे सजा या खुदा
एक जिद्दी पुरानी आदत सा घूम...

घूम चरख्या घूम चरख्या घूम
घूम चरख्या घूम चरख्या घूम

गीत Aadhe Aadhe Se गीत

एक टिप्पणी छोड