जनहित मे यारी गीत - रफ्तार (टाइटल ट्र्याक) | २०२२

By एडवर्ड एम. पेटिट

जनहित मे यारी गीत by नकाश अजिज फीट रफ्तार यो चलचित्र जनहित मे यारीको एकदमै नयाँ टाइटल ट्र्याक हो। जनहित मे यारी टाइटल गीतको शब्द राज शान्डिल्यले लेखेका हुन् । संगीत प्रिनी सिद्धान्त माधवले दिएका छन् । भिडियोलाई जय बसन्तु सिंहले निर्देशन गरेका हुन् ।

यो पछिल्लो बलिउड गीत अनुद सिंह, नुसरत भरुचाले अभिनय गरेका छन्

गायक: नाकाश अजीज, रफ्तार

गीत: राज शान्डिल्य

रचना गरिएको: प्रिनि सिद्धान्त माधव

चलचित्र/एल्बम: जनहित मे यारी

लम्बाइ: 3:10

रिलीज: 2022

लेबल: हिट्ज संगीत

जनहित मे यारी गीतको स्क्रिनसट

जनहित मे यारी गीत - रफ्तार

ए ओ..
त्यहाँ बाहिर सबै महिलाहरु
यो तपाईका लागि हो
मेरा सबै नारीहरूको लागि

ऊ जन्मे सब से जन्मी
दुनिया ये सारी है
अब न चलेगी लुन्डन ने जो
कि होशियारी है

अगडम बगदम बहुत हुआ
कर ली नारी ने तैयारी है
इस हलके में लेने वाले सुन लो

सुनो सुनो सुनो सुनो सुनो
सब पे एक नारी भारी है

ये सच्चा जनहित मे यारी है
अरे भारी है
ये सच्चा जनहित मे जरी है
सब पे भारी है

ये सच्चा जनहित मे जरी है
अरे एक नारी
ये सच्ना जनहित मे
सब पे एक नारी भारी है

अरे एक नारी
भारी हो

सबरा अब बहुत हो गया
किनों का आप खो गया
जो भी हो गया हो गया
अब ना जुल्म हम हुनेछन्

एक नया देश बनेगा
स्वच्छ परिवेश बनेगा
अपनी माता बहन की
इज्जत अब न खोने देंगे

सृजन हुई नारी से सबका
रूप बडा विक्राल है इसका
काली दुर्गा सरस्वती
सब नारी है करे ध्यान तिमी जसका

नारी शब्द बडा उत्तम है
नारी प्रतिष्ठा सर्वोत्तम है
फिर क्यूँ कालिक लगा रहा है
नारी को क्यूँ सता रहा है

जस घर मे नारी न पुजते
उस घर मे दानव है रहते
पुरुषों मे सर्वोत्तम वो है
मरियम पुरुषोत्तम जो है

बहनों से राखी है माँ से है छाया
बीवी से है घर और बेटी से माया
इन्से ही तो तू है वाजुद मे आया
बस इति सी बात तिमी ही समझ न पाय

करण जनम का नारी है
कहि अन्त का ना हो घाब्रता हुँ
फिर से कही हुई बात मे सुन लो
एक डाफे दोहराता हु

ऊ जन्मे सब से जन्मी
दुनिया ये सारी है
अब न चलेगी लुन्डन ने जो
कि होशियारी है

अरे अगडम बगदम बहुत हुआ
कर ली नारी ने तैयारी है
इस हलके में लेने वाले सुन लो

सुनो सुनो सुनो सुनो सुनो
सब पे एक नारी भारी है

ये सच्चा जनहित मे यारी है
अरे भारी है
ये सच्चा जनहित मे जरी है
सब पे भारी है

ये सच्चा जनहित मे जरी है
अरे एक नारी
ये सच्ना जनहित मे
सब पे एक नारी भारी है

अरे एक नारी
भरी हे भरी हे भरी

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