रण की दहाड गीत – प्रणाम (२०१९)

By हेलेन जे राइट

रण की दहद गीत नवीनतम बलिउड गीत प्रणाम द्वारा गाएको चलचित्रबाट बृजेश शाण्डिल्य। नयाँ गीतमा जान निसार लोनले संगीत दिएका छन् भने शब्द शिवसागर सिंहले लेखेका छन् । भिडियो गीतमा राजीव खण्डेलवाल, समेक्षा र अन्य फिचरहरू छन्।

गायक: बृजेश शाण्डिल्य

गीत: शिव सागर सिंह

रचना गरिएको: जान निसार लोन

चलचित्र/एल्बम: प्रणाम

लम्बाइ: 2:29

रिलीज: 2019

लेबल: T- श्रृंखला

रण की दहाड गीतको स्क्रिनसट

रण की दाहाद गीत - प्रणाम

रण की है दहाड, वक्ष शत्रुओं के फड

आज रक्त से धरा को करदे लाल तिमी

रण की है दहाड, वक्ष शत्रुओं के फड

आज रक्त से धरा को करदे लाल तिमी

संहार कि है ये घडी,

प्रहार के हो यो घडी

ले खड्ग आज न्यान से निकल तिमी

रण की है दहाड, वक्ष शत्रुओं के फड

आज रक्त से धरा को करदे लाल तिमी

रण की है दहाड, वक्ष शत्रुओं के फड

आज रक्त से धरा को करदे लाल तिमी

Sasa-mama-gaga-dada-mama-nini-dada-sasa

Sasa-mama-gaga-dada-mama-nini-dada-sasa

Sasa-nini-papa-mapa-nini-papa-mama-rega

पापा-मामा-रेरे-नीरे-सा

सा-रे-मा सा-रे-प म-पा-नि प-नि-रे ग-रे नी-रे-सा

है मन्त्र एक युद्ध का

कि मार दे या मार यहाँ

और ना विकास है सडक बन्द ले सार यहाँ

हो, साम-दाम-दंड-भेड

रण मे सब पवित्र है

जीत के शिव यहाँ कौन किसका मित्र है

धड्ड के सिस को उखाड

छन मे हर ले सबके प्राण

चलनी कर्दे दुश्मन कि ढाल तिमी

धड्ड के सिस को उखाड

छन मे हर ले सबके प्राण

चलनी कर्दे दुश्मन कि ढाल तिमी

रण की है दहाड, वक्ष शत्रुओं के फड

आज रक्त से धरा को करदे लाल तिमी

रण की है दहाड, वक्ष शत्रुओं के फड

आज रक्त से धरा को करदे लाल तिमी

संहार कि है ये घडी,

प्रहार के हो यो घडी

ले खड्ग आज न्यान से निकल तिमी

रण की है दहाड, वक्ष शत्रुओं के फड

आज रक्त से धरा को करदे लाल तिमी

रण की है दहाड, वक्ष शत्रुओं के फड

आज रक्त से धरा को करदे लाल तिमी

भु-भुजा मे बिजलिया

और प्रलय सा आंख में

हस्तियाँ न मिल्ने खातिर

पापियों के राख से

छम, दया से है मिल

किस्को नया कब यहाँ ?

टोड दे तू चक्रव्यूह

वध ही वाध हो अब यहाँ

भर्ले तरकसो के पान

बाँध कर ध्वनी कृपां

पापियों के तन से खिंच खाल तिमी

भर्ले तरकसो के पान

बाँध कर ध्वनी कृपां

पापियों के तन से खिंच खाल तिमी

रण की है दहाड, वक्ष शत्रुओं के फड

आज रक्त से धरा को करदे लाल तिमी

रण की है दहाड, वक्ष शत्रुओं के फड

आज रक्त से धरा को करदे लाल तिमी

सा-रे-मा सा-रे-प म-प-नि प-नि-रे ग-रे नी-रे-सा।

गीत जिंदगी गीत - प्रणाम | अंकित तिवारी

एक टिप्पणी छोड