बाकी रब पे छोड़ दे लिरिक्स लखनऊ सेंट्रल से

By अमराव छाबड़ा

बाकी रब पे छोड़ दे के बोल लखनऊ सेंट्रल (2017) फिल्म दिस से बॉलीवुड गाना इसे कुमार ने लिखा है और गाया है बृजेश शांडिल्य, अरमान हसन, वायु और तनिष्क बागची फरहान अख्तर, डायना पेंटी, गिप्पी ग्रेवाल, रोनित रॉय, दीपक डोबरियाल अभिनीत तनिष्क बागची द्वारा रचित संगीत।

गायक: बृजेश शांडिल्य, अरमान हसन, वायु, तनिष्क बागची

गीत: कुमार

रचना: तनिष्क बागची

मूवी/एल्बम: लखनऊ सेंट्रल

लंबाई: 3:21

रिलीज: 2017

लेबल: टी-सीरीज़

बाकी रब पे छोड़ दे के बोल का स्क्रीनशॉट

बाकी रब पे छोड़ दे लिरिक्स - लखनऊ सेंट्रल

कम से एडिशन की चोरी को याद कर
कम से एडिशन की चोरी को याद कर
बल्ब जगा दिमाग का...समय ना बरबाद कर
कम से एडिशन की चोरी को याद कर
बल्ब जगा दिमाग का...समय ना बरबाद कर
ये फॉर्मूला भाई कर्ता जा तू ट्राई करें
ये फॉर्मूला भाई कर्ता जा तू ट्राई करें
सकारात्मक बनो टुटे दिल के पुरजे पुरजे जोड़ के
पुरजे पुरजे जोड़ के.. पुरजे पुरजे जोड़ के

फिकर भुला के डांस कर..बाकी रब्ब पे छोड़ दे
देसी या फिर डांस कर...बाकी रब पे छोड़ दे
फिकर भुला के डांस कर..बाकी रब पे छोड़ दे…।

सिदी सी बात है .. ना दिल को कन्फ्यूज कर
रहता हूं स्टेशन में..टेम्पर ना लूज कर
फेल होता है वही तो पास होता है
फेल होने वाले में गुन खास होता है
लाइफ में गिर गई संभलना इक आर्ट है
जहां सब खत्म वही से कुछ स्टार्ट है…….

गीत रंगदारी लिरिक्स - लखनऊ सेंट्रल | अरिजीत सिंह

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