चल चलें गीत एल्बम धानक.थिस से बॉलीवुड गाना द्वारा गाया जाता है अंगराग महंत - पापोन, शिवम पाठक और विभा सराफ. चल चलें गाने के बोल मीर अली हुसैन ने लिखे हैं और इस गाने का संगीत तापस रेलिया ने दिया है।
गायक: अंगराग महंत Papon, शिवम पाठक और विभा सराफ
गीत: मीर अली हुसैन
रचना: तापस रेलिया
मूवी/एल्बम: Dhanak
लंबाई: 5:34
विमोचन: 2016
लेबल: टाइम्स संगीत
चल चलें गीत - धनक
अंजान हवाओ की
घटाओं की फिजाओ की
ये केसी शाम है
गम के ये सई जो
है चाय और लेहराए
ये उनका क्या...
अंजाम है
हू किसने देखा है
कल तू अब संभल
और सुनले क्या कहते ये
दोस्त….
कहता है आज तू कर रहा है
और खुद अपनी किस्मत को
बादल..
तकदीर बादल।।
चल चलें
चल पड़े
एक नई कहानी
हम पसंद करते हैं
मिल कर…
चल चलें
चल पड़े
इस रात की भी होगी एक
भोर…
ये मन में ख्याल रे
सवाल करता है..
हो जब ये गांठ और सूरज
हमारे..
दिल का जो साज़ है
आवाज़ है
अंदाज़ है
हम उसे
जान ले..
वो जो सुनाता है
दोहराता है और
गाता है हम उसको
मान ले…
हू..दुनिया में आए हैं
दिल पाए है अपनी मर्जी से
क्यु ना जी ले….
केसे झुक जाए हम
रुक जाए हम मंजिल को तू
बाकी है मील…
चल चलें
चल पड़े
एक नई कहानी
हम पसंद करते हैं
मिल कर…
चल चलें
चल पड़े
इस रात की भी होगी एक
भोर…
आओ नई दुनिया में
आजो देखो ये
कितनी हसीन
यहां खुशियों के अंदाज
निराले आंगन आंगन
यह हसरत भी दिल खोल के देखो
नाची चान चान
हो..साथ मिले तेरा
चमकेगी फिर किस्मत को
हमारी
हाथ थामे तेरा..
फिर दुनिया को बदलेगी
साड़ी..
अपने हाथो से
क्यु ना पसंद..
क्यु ना पसंद..
अपने दिल का हम फसाना..
लाख रोके ये ज़माना...
चल चलें
चल पड़े
एक नई कहानी
हम पसंद करते हैं
मिल कर…
चल चलें
चल पड़े
इस रात की भी होगी एक
भोर…
हर नगर हर डागर
हर रास्ते के हम हैं
हमसफर...