एक धारा के जान गण गीत शॉर्टकट सफारी से है, यह बॉलीवुड गाना इसके द्वारा गाया जाता है अत्रेयी भट्टाचार्य और साधना सरगम. इसमें जिमी शेरगिल, आशी रावल, शरविल पटेल, मान पटेल प्रमुख भूमिकाओं में हैं। यह गीत N/A द्वारा लिखा गया है और माना (समीर - मन), रोहित शर्मा, समीर (समीर - मन) द्वारा रचित है। यह गाना 2016 में रिलीज हुआ था।
गायक: आत्रेयी भट्टाचार्य और साधना सरगम
गीत: कुमार
संगीत: जस्सी कात्याली
एल्बम/मूवी: संता बंता प्राइवेट लिमिटेड
लंबाई: 5:13
रिहा: 2016
म्यूज़िक लेबल: ज़ी म्यूजिक कंपनी
एक धारा के जन गण गीत - शॉर्टकट सफारी
लम्हा लम्हा आंखों में बहे, चुप रहके पल पल फिसले
हाथो से मगर कुछ कहके
याद चलती सपना बांके और क्षितिज तक दूर किनारे
जैसे तारे छोटी जंगु जैसी आशा, एक दिलसा एक दिलसा
लम्हा लम्हा आंखों में बहे, चुप रहके
गुमसुम गुमसुम सहमी सांसे, चुप रहके पल पल फिसले
दिल की धड़कन कुछ कहके
थगने आए घोर अंधेरा और कशिटिज़ तक दूर किनारे
पर ना हरे पूरब नभ में एक सितारा जग उजियारा, जग उजियारा
फली दूर तक जमीन और ऊंचा आसमान, मिल रहे यही
क्यों न छोड़ छाड़ कर समय को रोक कर बस रहे यही
छोड़ के डागर गम है दिशा जैसे
और खोजने की भी कोई फिकर नहीं
एक तार से बांध रहे मन को
और बोलने की भी एक वजह नहीं
छलती अग्नि पूर्व ये धारा और पानी
हर पल करते प्रणो में सर्जन मिलकर ही
कान कान जुड़ा बना जीवन और हवाएं सब जग बहती
आजादी से एक धारा के जन गण सारे सब ही प्यारे, सब ही प्यारे
आकाश भेदकर सपने सामेतकर, हुआ सवेरा
आकाश भेदकर सपने सामेतकर, हुआ सवेरा
आकाश भेदकर सपने सामेतकर, हुआ सवेरा
गीत लो आ गए संता बंता लिरिक्स फ्रॉम संता बंता प्राइवेट लिमिटेड (2016)