गुलबदन गीत - फिरंगी (2017) | कपिल शर्मा

By लमजोत बग्गा

गुलबदन गीत फिल्म फिरंगी से, यह बॉलीवुड गीत संगीत जतिंदर शाह द्वारा रचित है और द्वारा गाया गया है ममता शर्मा. गाने के बोल अशरफ अली और कृष्णा भारद्वाज ने लिखे हैं। फिरंगी का निर्देशन राजीव ढींगरा ने किया है।

गायक: ममता शर्मा

गीत: अशरफ अली और कृष्णा भारद्वाज

रचना: जतिंदर शाही

मूवी/एल्बमफिरंगी

लंबाई: 3:56

रिलीज: 2017

लेबल: ज़ी म्यूजिक कंपनी

गुलबदन लिरिक्स का स्क्रीनशॉट

गुलबदन गीत - फिरंगी

हुस्न को परदे की
जरूरत नहीं ऐ गालिब
कौन होश में रहता है
मुझे देखने के बाद

ज़माना देखे मुझे
ज़माना देखे मुझे
ज़माना देखे मुझे
और मैं अपने आप में मगन मगन मगन
गदर बदन में गुलबदन
गदर बदन में.. हां, हां
गदर बदन में गुलबदन
गदर बदन में.. हां, हां
गदर बदन में गुलबदन
गदर बदन में...

ज़माना देखे मुझे
ज़माना देखे मुझे
ज़माना देखे मुझे
और मैं अपने आप में मगन मगन…
हो हो..
गदर बदन में गुलबदन
गदर बदन में… हां, हां
गदर बदन में गुलबदन
गदर बदन में...

चुनोती दे रही है
लाली मेरी आफताब को
वो चाँद चुप गया जो
देखा रुख-ए-महताब को
गदर में साथ लेके चलूं ठंडा और अगन
गदर बदन में गुलबदन
गदर बदन में.. हां, हां
गदर बदन में गुलबदन
गदर बदन में...

कयामत हूं मैं सर से पौन तक, ऐ हाय...
कयामत हूं
उदय ख्वाब आंखों से वोही, आए हाय...
मैं चाहत हूं
खुद बहकेगी, बहकेगी
मेरी जान मुझे मरवाएगा
खुद बहकेगी, बहकेगी
मरवायगी, मरवायगी

ज़माना देखे मुझे
ज़माना देखे मुझे
ज़माना देखे मुझे
और मैं अपने आप में मगन मगन मगन
हो हो..
गदर बदन में गुलबदन
गदर बदन में… हां, हां
गदर बदन में गुलबदन
गदर बदन में...

गीत तू जीत जौना गीत - फिरंगी (2017) | कपिल शर्मा

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