हाय हाय ये मजबूरी गीत बॉलीवुड मूवी "रोटी कपड़ा और मकान" से, 'लता मंगेशकर' द्वारा गाया गया। संगीत लक्ष्मीकांत और प्यारेलाल ने दिया है जबकि खुद वर्मा मलिक ने लिखा है। गाने का लेबल सारेगामा म्यूजिक है।
गायक: लता मंगेशकर
गीत: वर्मा मलिक
रचना: लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल
मूवी/एल्बम: रोटी कपड़ा और मकान
लंबाई: 3:43
रिलीज: 2022
लेबल: सारेगामा संगीत
हाय हाय ये मजबूरी (रोटी कपड़ा और मकान)
अरे हाय हाय ये मजबूरी
ये मौसम और ये दूरी
अरे हाय हाय मजबूर
ये मौसम और ये दूरी
मुझे पल पल है तड़पाये
तेरी दो तक्या दी नौकरी में
मेरा लाखो का सावन जाए
हाय हाय ये मजबूरी
ये मौसम और ये दूरी
मुझे पल पल है तड़पाये
तेरी दो तक्या दी नौकरी में
मेरा लाखो का सावन जाए
हाय हाय ये मजबूरी
ये मौसम और ये दूरी…
आ.. आ.. आ.. आ..
कितने सावन चुकंदर गए
कितने सावन चुकंदर गए
बैठी हूं आस लगाये
जिस सावन में मिले सजनवा
वो सावन कब आए, कब आए..
मधुर मिलन का ये सावन
हाथों से निकला जाए
तेरी दो तक्या दी नौकरी में
मेरा लाखो का सावन जाए
हाय हाय ये मजबूरी
ये मौसम और ये दूरी…
मुझे पल पल है तड़पाये
तेरी दो तक्या दी नौकरी में
मेरा लाखो का सावन जाए
हाय हाय ये मजबूरी
ये मौसम और ये दूरी…
प्रेम का ऐसा बंधन है..
प्रेम का ऐसा बंधन है
जो बंद के फिर ना टूटे
अरे नौकरी का है क्या भरोसा
आज मिले कल छोटे, कल छोटे...
अंबर पे है रचा स्वयंवर:
फिर भी तू घबराए
तेरी दो तक्या दी नौकरी में
मेरा लाखो का सावन जाए
डांग डिंग, डांग डिंग, डिंग डांग डांगो
डांग डिंग, डांग डिंग, डिंग डांग डांगो
मुझे पल पल है तड़पाये
तेरी दो तक्या दी नौकरी में
मेरा लाखो का सावन जाए
हाय हाय ये मजबूरी
ये मौसम और ये दूरी…
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