क्यूं है मुझे मोहब्बत के बोल - गजेंद्र वर्मा

By फकरुद्दीन पेरी

क्यों है मुझे मोहब्बत गीत: पेश हिंदी गीत की आवाज में 'क्यों है मुझे मोहब्बत' गजेंद्र वर्मा. गाने के बोल असीम अहमद अब्बासी ने लिखे हैं और संगीत गजेंद्र वर्मा ने दिया है। इसे 2014 में वर्चुअल प्लैनेट म्यूज़िक द्वारा रिलीज़ किया गया था।

संगीत वीडियो विक्रम सिंह द्वारा निर्देशित है और इसमें गजेंद्र वर्मा मुख्य भूमिका में हैं।

गायक: गजेंद्र वर्मा

गीत: असीम अहमद अब्बासी

रचना: गजेंद्र वर्मा

मूवी/एल्बम: -

लंबाई: 4:55

रिलीज: 2014

लेबल: आभासी ग्रह संगीत

क्यों है मुझे मोहब्बत गीत का स्क्रीनशॉट

क्यूं है मुझे मोहब्बत के बोल 

क्यों कहो उसे मैं सोचूं
गया जो वो तो गया
शुरू ये दिन है नया
हटाके टेंशन सर से
शुरू करूं सब फिर से
जो खोना था वो खो गया

क्यों रोके बिगाडू रातें
सोचूं वो मुलाक़ातें
मेरी तुम्हारी बातें
छोड़े यादों के कुंडे
बोला के दिल तो सुनबे
वो चक्कर पूरा हो गया

अब हर सुबह है मेरी
ताज़ा ताज़ा चेरी
खिड़कियों पे थेहरी
धूप है सुनहरी
कहानी है ये मेरी हां
है मेरा जहां
वो..उ..

हां लोग सब मेरे दोस्त अब मेरे
याद नहीं तेरी राह सारी मेरी
चल पड़ुँ जहाँ
भी रास्ता है वहां

क्यों है.. मुझे मोहब्बत
क्यों है..ये आशिकाना
क्यों है.. मुझे मोहब्बत
क्यों है..ये आशिकाना

ग्रीष्मकाल शीतकाल होने वाला है
सुनहरी चमक के साथ सूर्योदय
मैं उस तरह नहीं जी सकता
मेरे पास आत्मा है तो दिखा दूं
क्या हुआ अगर मैंने तुम्हें देखा, तुम्हें याद किया
तुम्हें प्यार किया, तुम्हें छुआ, तुम्हें महसूस किया
उन सभी चीज़ों के लिए मर नहीं सकता
कोई जगह नहीं है, नहीं
जीवन एक मौका है इसलिए
मैं डिप एन का घूंट पीना चाहता हूँ
मुझे भी रहने दो
मैं फिर से जन्म लूंगा
बाकी बस फिर से कह रहा हूँ
और यह बहुत महत्वपूर्ण है
ज़ोर से किक मारो और लक्ष्य तुम्हारा है

हां लोग सब मेरे दोस्त अब मेरे
याद नहीं तेरी, राह सारी मेरी
चल पड़ुँ जहाँ
भी रास्ता है वहां

क्यों है.. मुझे मोहब्बत
क्यों है..ये आशिकाना
क्यों है.. मुझे मोहब्बत
क्यों है..ये आशिकाना

नहीं है साथी जो साथ में
उसका क्या गम हो जायेगा
गम किया जाए
उसे याद कर मीठे मीठे
दर्द से मैं मुस्कुराऊं
वो भी मुस्कुराए
यही जिंदगी का मतलब है
जो आता हो जाए, जो जाता हो जाए
कभी मिलेंगे अचानक फिर कहीं
तब तक के लिए अलविदा
मैं तुम्हें याद करूंगा अलविदा, अलविदा, अलविदा

क्यों कहो उसे मैं सोचु
गया जो वो तो गया
शुरू है ये दिन नया
हटा के टेंशन सर से
शुरू करूं सब फिर से
जो खोना था वो खो गया

अब हर सुबह है मेरी
ताज़ा ताज़ा चेरी
खिड़कियों पे थेहरी
धूप है सुनहरी
कहानी है ये मेरी हां
है मेरा जहां

क्यों है.. मुझे मोहब्बत
क्यों है..ये आशिकाना
क्यों है.. मुझे मोहब्बत
क्यों है.. ये आशिकाना.. (2x)
वो..उ..वो..उ..

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