मेरी मर्जी तेरी रज़ा के बोल: पेश बॉलीवुड गीत फिल्म दिल्लीवाली ज़ालिम गर्लफ्रेंड से के मोहन और मीत ब्रदर्स अंजान की आवाज़ में 'मेरी मर्जी तेरी रज़ा'। गाने के बोल कुमार ने लिखे हैं और संगीत मीत ब्रदर्स अंजान ने दिया है। इसे 2015 में टी-सीरीज द्वारा जारी किया गया था।
इस फिल्म में दिव्येंदु शर्मा हैं और इसका निर्देशन जपिंदर कौर ने किया है।
गायक: के मोहन और भाई अंजान से मिलें
गीत: कुमार
रचना: भाई अंजान से मिलें
मूवी/एल्बम: दिल्लवाली ज़ालिम प्रेमिका
लंबाई: 2:08
रिलीज: 2015
लेबल: टी-सीरीज़
मेरी मर्जी तेरी रज़ा Lyrics - K मोहन
जहां से चलता हूं
वही लौट आता हूं
आंसू निकल पड़ते हैं
जब भी मस्कुराता हूं (2x)
क्यूं बे-असर कोशीशीं है
क्यूं अनसुनी ख्वाहिशें हैं
बे-लफ़्ज़ आंसू ये पूछे तू बता
मेरी मर्जी तेरी रजा में
है फसला क्यों, ऐ खुदा? (2x)
क्यूं बे-असर कोशीशीं हैं
क्यूं अनसुनी ख्वाहिशें हैं
बे-लफ़्ज़ आंसू ये पूछे तू बता
मेरी मर्जी तेरी रजा में
है फसला क्यों, ऐ खुदा?
ओह हो खुदा...
ख़्वाबों में है डरें
आँखों में देखने लगें हैं
सांसों की टूटी दिवारे
कंधे पे टिकने लगी है (2x)
किस बात की मुझे मिली है सज़ा
तू ही जनता है ये मुझे क्या पता
मेरी मर्जी तेरी रजा में
है Fasla क्युं, ऐ खुदा (2x)
किस्मत में है धूप लेकिन
चाओं भी कहीं तो होगी
जहां मंजिलें होंगी अपनी
कोई ऐसी ज़मीन तो होगी (2x)
पांव ढूंढते हैं जो रास्ते
जाने किस मोड पे वो है चुप
तू ही बता…
मेरी मर्जी तेरी रजा में
है फासला क्यों, ऐ खुदा
क्यूं बे-असर कोशीशीं हैं
क्यूं अनसुनी ख्वाहिशें हैं
बे-लफ़्ज़ आंसू ये पूछे तू बता
मेरी मर्जी, तेरी रज़ा में
है फासला क्यों, ऐ खुदा?
मेरी मर्ज़ी.. तेरी रज़ा
मेरी मर्ज़ी.. तेरी रज़ा
मेरी मर्ज़ी.. तेरी रज़ा
में है क्यों Fasla
ओह हो खुदा।