Shuru Karin Kya Lyrics: अनुच्छेद 15 रैप . से बॉलीवुड गाना, द्वारा गाया गया स्लो चीता, डी एमसी, काम भारी, और स्पिटफायर. डेविन "डीएलपी" पार्कर एंड जिंजर ने संगीत का निर्माण किया है जबकि रैपर्स - स्लो चीता, डी एमसी, काम भारी और स्पिटफायर ने गीत लिखे हैं। आयुष्मान खुराना अभिनीत अनुभव सिन्हा की फीचर फिल्म "आर्टिकल 15" का हिप-हॉप ट्रैक।
गायक: धीमी चीता, डी एमसी, काम भारी, और स्पिटफायर
गीत: स्लो चीता, डी एमसी, काम भारी और स्पिटफायर
रचना: डेविन "डीएलपी" पार्कर और जिंजर
मूवी/एल्बम: अनुच्छेद 15
लंबाई: 2:40
रिलीज: 2019
लेबल: ज़ी म्यूजिक कंपनी
Shuru Karin Kya Lyrics - Article 15
बातें बहुत हुई काम शुरू करें क्या?
कल क्या करेगा आज शुरू करे क्या?
ये देश अपने हाथ, कुछ बातों से होगा ना
तू खुद ही है नायक, तो शुरू करे क्या
बातें बहुत हुई काम शुरू करें क्या?
कल क्या करेगा आज शुरू करे क्या?
ये देश अपने हाथ, कुछ बातों से होगा ना
तू खुद ही है नायक, तो शुरू करे क्या
शुरुआत से ही सीखते गलत हैं
गरम है हम सब पे पर खुद मैं जो बांध है वो कम है क्या?
तेरे अंदर की ज़मीर आज नंबर है क्या?
दोसरो पे भौके तुझे खुद पे शर्म है क्या
गैरीबन पे अत्याचार
बचियों का बालात्कारो
न रुके गा न तो होगा ऐसा कोई चमत्कारी
उन्गली उठते पर आवाज तो उठाओ
नोट सब चापे साले इज्जत कमाओ
दीप तुम जलाते खाली कदम बढ़ते
अपने अंदर के अंधेरे मैं तुम बत्ती को जलाओ
आफताब सी उड़ान क्यों समाज बना चिलमन सा
लुटकर जो लठपथ तू पुछता है जाट उनक
तारकश में मजब ये जबतक तराजू के
पीठ की मौत होगी घरशन करे शंकु
हां! आईनाक आवाम का है साफ नहीं
देवी हां सदको पे अंधेरे क्यों कानप रही?
सांप बनी छत पर देशशत धर्म किस
तू खुद है मसिहा ये अच्छे क्यों नाम!
बातें बहुत हुई काम शुरू करें क्या?
कल क्या करेगा आज शुरू करे क्या?
ये देश अपने हाथ, कुछ बातों से होगा ना
तू खुद ही है नायक, तो शुरू करे क्या
हिंदू भाई मुसलमान का तो कायको लड़े जात पे
इंसानियत है गुमशुदा, और साइको हम हाल से
और अपने लोगो को तो चाहिए जाति का वाद हाथी का दाता, तू बोल मुझे किधर गया
इंसाफ
तबी मिलेगा, जबी तू अपने हक को बोलना शुरू करेगा
सच को खोलना सबके बारे में मैं सोचना अब तू नहीं डरेगा..
आमिर की थाली मैं रोटी छार
फकीर को नहीं मिला प्रसाद..
सब ठीक है तेरा तो बड़ा व्यापार:
कमज़ोर पे ऐसे न दाल डबवी
चलो शुरू से शुरू करे हाल क्यूं बहल है
ऐसे तो आजादी को हुए सत्तार साल है
हम आजाद न फिर भी
कभी सुन्ते न खुदकी
बास घर बैठे सोचेंगे मसाले की तरकीब
कदम ले आगे तो पीछे ये खीचे तू ज्यादा सच उगले तो धरती के नीचे
अब नीच हे रहना
सब हिम्मत से सेहना
वो मारे वो पीठ तू कुछ भी ना कहना
हर जाति से छोटी यहाँ औरत की जाति
देदे जीवन की दोर किसी औरके हाथो
यह प्राण जाए पर मान न जाए
दौलत की लालच हड़पती दुआएं
बातें बहुत हुई काम शुरू करें क्या?
कल क्या करेगा आज शुरू करे क्या?
ये देश अपने हाथ, कुछ बातों से होगा ना
तू खुद ही है नायक, तो शुरू करे क्या