तुम दिल्लगी Lyrics से हिंदी गीतएस (2016) द्वारा गाया गया राहत फ़तेह अली खान. इस गाने को सलीम-सुलेमान ने संगीतबद्ध किया है और इसके बोल मनोज मुंतशिर ने लिखे हैं।
गायक: राहत फ़तेह अली खान
गीत: मनोज मुंतशिर
संगीत: सलीम-सुलेमान
अभिनीत: हुमा कुरेशी, विद्युत जामवाल
ट्रैक लंबाई: 6: 26
म्यूज़िक लेबल: टी-सीरीज़
ओरिजिनल सॉन्ग क्रेडिट:
गायक / संगीत: उस्ताद नुसरत फतेह अली खान
गीत: पूर्णम इलाहाबादी
दिल्लगी गीत - राहत फ़तेह अली खान
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
कभी दिल किसी से लगा कर तो देखो
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
कभी दिल किसी से लगा कर तो देखो
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
कभी दिल किसी से लगा कर तो देखो
तुम्हारे ख्यालों की दुनिया यहीं है
ज़रा मेरी बाहों में आ कर तो देखो
देख के मुझे क्यों तुम देखते नहीं
यारा ऐसी बेरुखी सही तो नहीं
रात दिन जिसे मांगा था दुआओं में
देखो गौर से मैं वही तो नहीं
मैं वो रंग हूं जो चढ़ के
कभी छूटे ना
मैं वो रंग हूं जो चढ़ के
कभी छूटे ना दामन से
Lyricsted.com पर दिल्लगी गीत
तुम्हें प्यार से प्यार होने लगेगा
तुम्हें प्यार से प्यार होने लगेगा
मेरे साथ शामें बिता कर तो देखो
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
मोहब्बत की राहों में आ कर तो देखो
तेरे लिए मैं जियूं
तुझपे ही मैं जान दूं
दिल की कहूँ
दिल की सुनु
इश्क है दिल लगी नहीं
दिल्लगी दिल्लगी नहीं
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
मोहब्बत की राहों में आ कर तो देखो
मोहब्बत की राहों में आ कर तो देखो