दो अंजाने के बोल कैबरे से, गाया गया रूप कुमार राठौड़ और इस बॉलीवुड गीत संगीत कौस्तव नारायण नियोगी द्वारा निर्देशित और कौस्तव नारायण नियोगी द्वारा रचित और गीत कौस्तव नारायण नियोगी द्वारा लिखे गए हैं।
गायक: रूपकुमार राठौड़
गीत: कौस्तव नारायण नियोगी
रचना: कौस्तव नारायण नियोगी
मूवी/एल्बम: काबरे
लंबाई: 2:22
रिलीज: 2016
लेबल: टी-सीरीज़
Do Anjaane Lyrics - Cabaret
दो जाने घुमशुदा रात में, क्यों मिले
दो जाने घुमशुदा रात में, क्यों मिले
कोई तारा टूटा होगा, कोई अपना छोटा होगा
भटकी हुई किसी कश्ती को किनारा दिखाया होगा
कोई तारा टूटा होगा, कोई अपना छोटा होगा
भटकी हुई किसी कश्ती को किनारा..
दो जाने घुमशुदा रात में, क्यों मिले
(वाद्य विराम)
अंजाने रास्ते थे, जुड गए
मुश्किलें जो थी रहन में, मुद गए
अंजाने रास्ते थे, जुड गए
मुश्किलें जो थी रहन में, मुद गए
एक फलक रोशनी सी खिल गई,
एक सितारा खेला होगा
दो जाने घुमशुदा रात में, क्यों मिले
(वाद्य विराम)
जाने क्यूं ये लगे, मैं जानू ना
एहसास अंजाना पहचानु ना
जाने क्यूं ये लगे, मैं जानू ना
एहसास अंजाना पहचानु ना
आज फिर जिंदगी को कोई सहारा मिला होगा
दो जाने घुमशुदा रात में, क्यों मिले
क्यूं मिले, क्यूं मिले..