कुछ इस्स तराह गीत - 1921 | अर्नब दत्ता

By एडवर्ड एम. पेटिटा

कुछ इस्स ताराह गीत एक मधुर बॉलीवुड गाना करण कुंद्रा और ज़रीन खान स्टारर हॉरर फिल्म 1921 से। फिल्म 12 जनवरी 2018 को रिलीज़ हुई थी। गीत शकील आज़मी द्वारा लिखे गए हैं, हरीश सगने द्वारा संगीतबद्ध और द्वारा गाया गया है। अर्नब दत्ता.

गायक: अर्नब दत्ता

गीत: शकील आज़मी

रचना: हरीश सगने

मूवी/एल्बम: 1921

लंबाई: 5:34

रिलीज: 2018

लेबल: ज़ी म्यूजिक कंपनी

Kuch Iss Tarah Lyrics . का स्क्रीनशॉट

Kuch Iss Tarah Lyrics - 1921

कुछ इस तराही
कुछ इस तराही
ऐ रात थम जरा:
कुछ इस तराही

कुछ इस तराही
कुछ इस तराही
ऐ रात थम जरा:
कुछ इस तराही

जिस्म से करो
एक जान में
ढल जाए हम जरा
कुछ इस तराही

ये जो चंद इज लकेर सा है आसमान पर
यूं ही आंख में मेरी रहे चमकता रात भारी
ऐ बदलो जरा सी तुमसे इल्तजा है ये
फना न हो उम्मेद के सितारे दोब के

कुछ इस तराही
कुछ इस तराही
ऐ रात थम जरा:
कुछ इस तराही

जिस्म से करो
एक जान में
ढल जाए हम जरा
कुछ इस तराही

अलविदा हमको कहो
मुस्कान के मौत भी
थोड़ी सी सांसे चुप ले
मुझे कहीं देखा

जीले आ एक रात में
उमरा भर की जिंदगी
कोई भी पल रह ना जाए
जीने में कहीं

कुछ इस तराही
कुछ इस तराही
ऐ रात थम जरा:
कुछ इस तराही

जिस्म से करो
एक जान में
ढल जाए हम जरा
कुछ इस तराही

रूह की परवाज पे
है परिंदे इश्क के
हमको चाहत की नज़र से
देख आसमान

आंख में जो आस्क है
चांद को भी रश्क है
दिख रहे हैं प्यार की गोंद
ऐसी दास्तान

कुछ इस तराही
कुछ इस तराही
ऐ रात थम जरा:
कुछ इस तराही

जिस्म से करो
एक जान में
ढल जाए हम जरा
कुछ इस तराही

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