साची मुची लिरिक्स फ्रॉम सुल्तान - 2016

By ईशा स्वामी

साची मुची गीत सुल्तान से: यह एक फील-गुड, हल्का रोमांटिक है बॉलीवुड गाना द्वारा प्रदान किया गया मोहित चौहान और हर्षदीप कौर और विशाल-शेखर द्वारा रचित है जबकि गीत इरशाद कामिल द्वारा लिखे गए हैं।

गायक: मोहित चौहान और हर्षदीप कौर

गीत: इरशाद कामिल

रचना: शेखर रवजियानी और विशाल ददलानी

मूवी/एल्बम: सुलतान

लंबाई: 2:29

विमोचन: 2016

लेबल: वाईआरएफ

साची मुची लिरिक्स का स्क्रीनशॉट

साची मुची गीत - सुल्तान

मैं गप्प ना कोई मरून,
ना बात बोलूंगा कच्ची,

दो तीन साल से मुझको,
तू लगी लागने अच्छी,
तू जान है सच्ची मुची।

मैं गप्प ना कोई मारू,
जो बात बोलूंगी साची,
मैं नखरीली सी चोरी,
हुन साथ ही तेरे अची,

तू जान है सच्ची मुची।

हो बात अंशुनी है,
प्यार से बनी है,
आज दुगनी है आरज़ू।

ये ख्वाब है चाहतें,
या मेरे दिल की आजीन,
जाती है तू,
तेरे कहने सी ली मैंने परवाज़ीन [x2]।

मैं गैप ना कोई मारू,
जो बात बोलूंगी साची,
मैं नखरीली सी चोरी,
हुं साथ ही तेरे अचि।

तू जान है सच्ची मुची।

वाद्य यंत्र,

ले जा वहान,
तेरा जहां पे हो जहां,
मैने ये दी है जुबान,
चलता जांगा।

सुभा को मेन,
लूंगा होठों पे हसी,
शामो को बातों में तेरी,
ढलता जाउंगा।

हां, मैं रज्ज के चाहूं तुझ को,
ले इश्क में तेरे नाची,
मैं छड़ अकाल की बातें,
फिर आज हो गई बच्ची ऊ..

तू जान है सच्ची मुची,

ओह बात अंशुनी है,
प्यार से बनी है,
आज दुगनी है आरज़ू।

ये ख्वाब है चाहतें,
या मेरे दिल की आवाज़ें,
जाती है तू,
तेरे कहने सी ली मैंने परवाज़ीन [x2]।

गीत सुल्तान से 440 वोल्ट गीत - 2016

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